वाराणसी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने वाराणसी के महमूरगंज स्थित एक नेत्र अस्पताल में इलाज के दौरान सात वर्षीय बच्ची अनाया की मौत का संज्ञान लिया है। अनाया के परिवार ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने रविवार को बताया कि एनएचआरसी ने उनके द्वारा भेजे गये आवेदन पर संज्ञान लेते हुए केस डायरी संख्या 126752/सीआर/2025 के रूप में दर्ज कर लिया है. आयोग ने ईमेल के जरिये इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि कथित चिकित्सकीय लापरवाही के कारण 14-15 अक्टूबर की रात अनाया रिजवान की मौत हो गई.
इस मामले में लड़की की मां आफरीन बानो ने अपने वकील शशांक शेखर त्रिपाठी के माध्यम से भेलूपुर थाने में अर्जी देकर कार्रवाई की मांग की है. इसके अलावा अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज, एनेस्थीसिया रिकॉर्ड और सभी मेडिकल दस्तावेज जब्त करने की भी मांग की गई है. उन्होंने कहा, “यह मामला चिकित्सकीय लापरवाही का एक गंभीर उदाहरण है। हमें विश्वास है कि एनएचआरसी के हस्तक्षेप से इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच की जाएगी।”
उन्होंने कहा कि मामले की एक प्रति वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) और उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग को भी भेजी गई है। जिलाधिकारी द्वारा एक जांच कमेटी का भी गठन किया गया है.



