लखनऊ, लोकजनता: राजधानी में बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए लेसा द्वारा आज से नया वर्टिकल सिस्टम लागू किया जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत अब उपभोक्ता अपनी सभी शिकायतें हेल्पलाइन नंबर 1912 और हेल्पडेस्क के माध्यम से दर्ज करा सकेंगे। विभाग का दावा है कि नई व्यवस्था से शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो जाएगी। उपभोक्ताओं से जुड़े संगठनों ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग के चारों जोन के डाटा में दर्ज बीस फीसदी से अधिक गलत मोबाइल नंबरों की फीडिंग की समस्या का अब तक समाधान नहीं हो सका है. ऐसे में सवाल उठता है कि शिकायत दर्ज कराने से लेकर लोड बढ़ाने, नए कनेक्शन और कई अन्य समस्याओं के समाधान की जानकारी उपभोक्ताओं तक सही तरीके से कैसे पहुंचेगी।
उपभोक्ता संगठनों का कहना है कि शिकायत निवारण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए सबसे पहले उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर और अन्य विवरण अपडेट करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जाना चाहिए, ताकि 1912 पर दर्ज शिकायतों की समय पर ट्रैकिंग और समाधान संभव हो सके। संगठनों ने निगम प्रबंधन को चेतावनी दी कि यदि उपभोक्ता डेटा में त्रुटियां बनी रहीं तो नई व्यवस्था का पूरा लाभ जनता तक नहीं पहुंच पाएगा।
पावर कॉरपोरेशन के निर्देश और केंद्रीय प्रबंधन से मिली गाइडलाइन के बाद 15 नवंबर से राजधानी में वर्टिकल सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसके लिए प्रबंधन सभी तरह की तैयारियां पूरी करने का दावा जरूर कर रहा है। नई वर्टिकल व्यवस्था के तहत अब हेल्पडेस्क और 1912 पर बिना मोबाइल नंबर रजिस्टर कराए उपभोक्ताओं की हर समस्या का समाधान नहीं होगा। ऐसे में 14.5 लाख से अधिक आबादी वाले शहर के 20 फीसदी से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर विभागीय प्रपत्रों में गलत दर्ज हैं. ऐसे में बिना ओटीपी नंबर मिले हेल्पडेस्क से लोड बढ़ाने, नए कनेक्शन करने और फाल्ट होने पर समस्या के समाधान का संदेश कैसे मिलेगा, यह पहेली बनी हुई है। इस संबंध में लेसा सेंट्रल जोन के मुख्य अभियंता रवि अग्रवाल ने बताया कि राजस्व वसूली के लिए लाइनमैन और एसडीओ स्तर के अधिकारियों को तैनात किया गया है। सभी को फोन कर भुगतान करने को कहा गया। इसमें जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं हैं उनके गलत मोबाइल नंबरों को भी कर्मचारियों को उनके घर भेजकर अपडेट कराने का काम किया जा रहा है। इस अभियान के तहत मिली जानकारी के आधार पर करीब 20 हजार उपभोक्ताओं के नंबर गलत दर्ज हैं. इन नंबरों को सही करने का काम तेजी से किया जा रहा है.
इस संबंध में राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्टिकल सिस्टम में 1912 के माध्यम से निगम के माध्यम से उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने की बात कही जा रही है, जबकि यह सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका है. वहीं अधिकांश उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर विभाग में गलत दर्ज हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि शिकायत दर्ज कराने के बाद विभाग कितने उपभोक्ताओं को ओटीपी भेजेगा। यह ऊर्ध्वाधर व्यवस्था उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के बजाय उनकी परेशानियां और बढ़ाएगी।



