लखनऊ. जिला जेल ललितपुर में हत्या के मामले में विचाराधीन कैदी ज्ञानेंद्र ढाका के पास से मोबाइल फोन बरामद होने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। आरोपी कैदी पर बागपत जिले के ढाडल गांव निवासी सीबीएसएम स्कूल संचालक कृष्णपाल राणा से 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है. जिसके बाद जेल प्रशासन ने जेलर समेत तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात को बागपत के ढाडल गांव के सीबीएसएम ऑपरेटर कृष्णपाल राणा के मोबाइल फोन पर एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को ज्ञानेंद्र ढाका बताया और हर महीने 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी. पैसे न देने पर कृष्णपाल राणा और उनके बेटे को जान से मारने की धमकी दी गई। बातचीत करीब दो मिनट तीन सेकेंड तक चली.
इसी बीच बीकेयू (गैर राजनीतिक) के मंडल सचिव नरेशपाल पंवार ने भी उसी नंबर पर कॉल कर बात की तो आरोपियों ने उन्हें भी धमकी दी. जिसके बाद बागपत के चांदीनगर थाने में मामला दर्ज किया गया. इसके बाद जब सूचना ललितपुर प्रशासन तक पहुंची तो डीएम सत्यप्रकाश और एसपी मोहम्मद मुश्ताक समेत कई अधिकारी तुरंत जेल पहुंचे और करीब तीन घंटे तक जांच की गई.
इस दौरान एक कीपैड मोबाइल फोन, एक चम्मच और अन्य सामान बरामद किया गया. जेल प्रशासन ने बताया कि कैदी ज्ञानेंद्र ढाका को चार माह पहले प्रशासनिक आधार पर बागपत से ललितपुर स्थानांतरित किया गया था। ढिकौली गांव के हिस्ट्रीशीटर प्रवीण उर्फ बब्बू की हत्या के मामले में वह विचाराधीन है और उसे बैरक नंबर दो में रखा गया था।
घटना की गंभीरता को देखते हुए कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रारंभिक जांच पुलिस उपमहानिरीक्षक, कानपुर रेंज से करायी. जांच के दौरान पाया गया कि जेलर जीवन सिंह, डिप्टी जेलर प्रिंस बाबू और जेल वार्डर आकाश कुशवाहा ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही और शिथिलता बरती। जिसके बाद तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है.



