लखनऊ, अमृत विचार: आलमबाग स्थित उत्तर रेलवे मंडल अस्पताल के सीसीटीवी और सर्वर रूम में सोमवार सुबह आग लग गई। जैसे ही धुआं ऊपरी मंजिल पर क्रिटिकल केयर यूनिट वार्ड तक पहुंचा, वहां भर्ती 22 गंभीर मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। आलमबाग और हजरतगंज फायर स्टेशन की टीमें मौके पर पहुंचीं और मरीजों को दूसरे वार्ड में स्थानांतरित कर दिया और पुलिस ने तीमारदारों और कर्मियों को बाहर निकाला। अग्निशमन टीमों ने दो घंटे में आग पर काबू पा लिया।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी अंकुश मित्तल ने बताया कि सोमवार सुबह 5:39 बजे आलमबाग फायर स्टेशन को उत्तर रेलवे के मंडलीय अस्पताल में आग लगने की सूचना मिली। आलमबाग का नेतृत्व एफएसओ धर्मपाल सिंह ने किया और दूसरी टीम हजरतगंज फायर स्टेशन से भेजी गई। एफएसओ के मुताबिक, आग अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित सीसीटीवी और सर्वर रूम में लगी। तेज लपटें और धुआं निकल रहा था. रैंप के जरिए धुआं सर्वर रूम की ऊपरी मंजिल पर बने क्रिटिकल केयर वार्ड तक पहुंच गया। इससे वहां भर्ती 22 गंभीर मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी।

अग्निशमन टीमों ने नेवार्ड में फंसे मरीजों को सीढ़ियों के जरिए बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया. किसी मरीज को कोई नुकसान नहीं हुआ. इससे पहले आलमबाग पुलिस मौके पर पहुंची और तीमारदारों व कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर खुले में भेजा। करीब दो घंटे में आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है.

सीएफओ के मुताबिक अगर समय रहते फायर टीम ने आग पर काबू नहीं पाया होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। सर्वर रूम के पास एक आपातकालीन वार्ड भी है। अगर आग बढ़ती तो कई मरीजों की जान जाने की आशंका थी. उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों व कर्मचारियों से जानकारी प्राप्त की. हादसे की सूचना मिलने पर सीएमएस डॉ. संगीता सागर, नाइट ड्यूटी प्रभारी डॉ. शशांक द्विवेदी और फायर एंड सेफ्टी प्रभारी डॉ. रौतेश भी वहां पहुंच गए थे।
हादसे के कारणों का पता लगाने में जुटी टीम
सीएफओ के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। हालांकि कारणों की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी गई है. जो जांच के बाद रिपोर्ट देगी कि आग किस कारण लगी। वहीं, अस्पताल के फायर सेफ्टी सिस्टम का भी ऑडिट किया जाएगा. जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर मरीजों व तीमारदारों को सुरक्षित रखा जा सके।



