राज्य ब्यूरो, लखनऊ, अमृत विचार : भूसा टेंडर कार्य में लापरवाही पर पांच जिलों के अधिकारियों को चेतावनी दी गई है। साफ कहा गया है कि यदि कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी. पशुधन एवं डेयरी विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि भूसे के टेंडर का काम तुरंत पूरा किया जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने भूसा टेंडर कार्य में लापरवाही बरतने पर अमरोहा, बागपत, इटावा, शामली तथा मेरठ के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिये।
पशुधन एवं डेयरी विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन एवं डेयरी विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में पराग एवं पशु आहार की आपूर्ति स्थानीय दुग्ध समितियों के माध्यम से सुनिश्चित की जाए। सीएसआर फंड से गौशालाओं में गौ काष्ठ एवं मोक्ष दंडिका उत्पादन की मशीनें लगाई जाएं, जिससे गौशालाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
किसानों को पराली के बदले गोबर की खाद दें
पशुधन मंत्री ने सुझाव दिया कि किसानों को पराली के बदले गौशालाओं से गोबर की खाद उपलब्ध करायी जानी चाहिए। जिलों में पराली संग्रहण अभियान चलाया जाए। जिलों में अच्छी गौशालाओं को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया जाये। गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं। अवस्थापना कार्य समय पर पूरे किये जाएं और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
दूध की कीमत का भुगतान एक सप्ताह के अंदर किया जाए
धर्मपाल सिंह ने निर्देश दिये हैं कि किसानों के दूध का मूल्य नियमित रूप से भुगतान किया जाये तथा एक सप्ताह के अन्दर भुगतान सुनिश्चित किया जाये। प्रदेश के किसानों को अन्य राज्यों का भ्रमण कराया जाये ताकि उन्हें दुग्ध उत्पादन की नई तकनीकों एवं गतिविधियों की जानकारी मिल सके और वे प्रदेश में नवाचारों को अपना सकें।
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