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Sunday, November 2, 2025
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लखनऊ: प्रदेश में आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल, सरकार के खिलाफ विरोध की गूंज

कार्यालय संवाददाता, लखनऊ, लोकजनता: उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन (संबद्ध – ACTU) द्वारा आहूत प्रदेश बंद का पूरे प्रदेश में व्यापक असर रहा। हाथरस, अलीगढ़, बदांयू, मुरादाबाद, बरेली, ललितपुर, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, सोनभद्र, गोरखपुर, बस्ती समेत कई जिलों में हड़ताल पूरी तरह सफल रही। जगह-जगह आशा कार्यकर्ताओं ने बैनर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया, सभाएं कीं और जुलूस निकालकर अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की.

प्रदेश प्रचार सचिव सीमा देवी ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं पर सरकार दशकों से मौन है. चार महीने की प्रोत्साहन राशि और अन्य पारिश्रमिक बकाया है, जबकि 1.5 लाख करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि गायब होने का आरोप है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी के तहत 225.2 करोड़ रुपये का भुगतान भी लंबित है. सीमा देवी ने कहा कि न तो न्यूनतम वेतन, ईपीएफ, ईएसआई, ग्रेच्युटी मिल रहा है और न ही जीवन बीमा का लाभ मिल रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द ही त्रिपक्षीय वार्ता नहीं बुलाती है तो आशा कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगी.

सीपीआई (एमएल) का विरोध मार्च, कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

शनिवार को सीपीआई (एमएल) ने परिवर्तन चौक से जिलाधिकारी कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला. पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता हाथों में लाल झंडे और नारे लगाते हुए सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे थे. जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर के नेतृत्व में निकले इस मार्च में बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता भी शामिल हुईं.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राज्य में दलितों और पिछड़ों पर लगातार हमले हो रहे हैं, जबकि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और सामूहिक बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं. रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज पूरी तरह खत्म हो गया है.

मुख्यमंत्री बिहार जाकर कानून-व्यवस्था का गुणगान करते हैं, लेकिन हकीकत इसके उलट है. महिलाएं घर से बाहर निकलने में डर महसूस कर रही हैं, वहीं लूट, हत्या और बलात्कार जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्याप्त अराजकता पर तत्काल अंकुश लगाया जाये और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये. पार्टी ने इन घटनाओं की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा और सरकार से प्रभावी कदम उठाने की मांग की.

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