ऊंचाहार/रायबरेली, लोकजनता। 26 जून 2017 को ऊंचाहार के अप्टा गांव में हुए सामूहिक नरसंहार के मुख्य गवाह पर बुधवार रात जानलेवा हमला हुआ। बाइक सवार अज्ञात लोगों ने उनकी स्कॉर्पियो पर फायरिंग कर दी, गोली शीशा तोड़ते हुए अंदर घुस गयी. इस गोलीबारी में गवाह और उनके सुरक्षाकर्मी बाल-बाल बच गये. सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की।
बता दें कि 26 जून 2017 की शाम कोतवाली क्षेत्र के अप्टा मजरे इटौरा गांव में पांच लोगों की आग में जलाकर नृशंस हत्या कर दी गई थी। इस मामले में रोहनिया के पूर्व ब्लॉक प्रमुख शिवकुमार यादव और इटौरा बुजुर्ग ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजा यादव को जेल जाना पड़ा था। यह घटना राज्य का सबसे चर्चित हत्याकांड था.
इस मामले में अप्टा गांव निवासी कृष्ण कुमार तिवारी मुख्य गवाह हैं। बुधवार की रात करीब साढ़े दस बजे वह लक्ष्मीगंज स्थित अपनी सरकारी शराब की दुकान से सुरक्षाकर्मियों के साथ स्कॉर्पियो से वापस अपने घर अप्टा गांव जा रहे थे. तभी रास्ते में मांधातापुर मजरे इटौरा बुजुर्ग गांव के पास बाइक सवार दो बदमाशों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी।
अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से कृष्ण कुमार तिवारी और उनके सुरक्षाकर्मी घबरा गये और दोनों डर के मारे झुक गये. गोली सामने का शीशा तोड़ती हुई अंदर सीट को छेदती हुई पीछे की सीट में जा घुसी। गनीमत यह रही कि इस गोलीबारी में कोई हताहत नहीं हुआ. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
बता दें कि इससे पहले भी कृष्ण कुमार तिवारी पर हमला हो चुका है. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर जिला मुख्यालय पुलिस ने उनके साथ एक सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिया है और कोर्ट के आदेश पर उन्हें हथियार का लाइसेंस भी जारी कर दिया गया है. इसके बावजूद एक बार फिर गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया है.
मामले में कृष्ण कुमार तिवारी ने शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। कोतवाल अजय कुमार राय ने बताया कि फायरिंग की सूचना मिली है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है. घटना को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जल्द ही उसे पकड़कर जेल भेजा जाएगा।



