अयोध्या, अमृत विचार: 25 नवंबर को राम मंदिर पर आयोजित होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम से प्रदेश के विभिन्न जिलों से लोग जुड़ेंगे। इसमें गोरखपुर, लखनऊ, मथुरा, वाराणसी, सीतापुर, गोंडा, बलरामपुर समेत अन्य जिलों से लोगों को आमंत्रित करने के लिए सूची तैयार की गई है। इसके अलावा अयोध्या के आसपास के हर गांव और शहर को भी जोड़ा जाएगा, जिसमें गांव और पंचायत स्तर पर समाज में अहम भूमिका निभाने वाले प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा.
राम मंदिर परिसर के संपूर्ण निर्माण कार्य के पूरा होने के उपलक्ष्य में उद्घाटन के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरसंघचालक मोहन भागवत मुख्य मंदिर के 201 फीट ऊंचे शिखर पर झंडा फहराएंगे. दिवाली का त्योहार खत्म होने के बाद राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए 10 हजार मेहमानों को निमंत्रण पत्र भेजने की तैयारी शुरू हो गई है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रत्येक जिले से 50 प्रमुख लोगों की सूची मांगी है, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों और संप्रदायों में अच्छी भागीदारी रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम शामिल हैं। अयोध्या के सभी प्रमुख संतों और व्यापारी वर्ग, शिक्षक वर्ग और वकील वर्ग के लोगों की भी सूची बनाई गई है.
बाहरी लोगों के आने की संभावना नहीं: गोविंद देवगिरी
राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरि ने बताया कि इस कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों के लिए इस पूरे कार्यक्रम को राज्य तक ही सीमित रखने का निर्णय लिया गया है, जिसमें मुख्य रूप से अयोध्या पर फोकस रहेगा. इसलिए यहां बाहर से किसी व्यक्ति के आने की संभावना नहीं है. यहां विभिन्न क्षेत्रों से सामाजिक प्रतिनिधि एवं संत महात्मा शामिल होंगे।
झंडोत्तोलन कार्यक्रम पर भी लिया गया निर्णय: गोपाल जी राव
धार्मिक समिति के सदस्य गोपाल जी राव ने बताया कि 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम की रूपरेखा पर मंथन किया जा रहा है. रोशनी का त्योहार ख़त्म हो गया है. अब सभी अतिथियों को निमंत्रण पत्र भेजने के लिए पत्रक तैयार किये जा रहे हैं. बताया कि झंडोत्तोलन कार्यक्रम के दौरान और कौन-कौन से कार्यक्रम आयोजित किये जाने हैं. इस पर अंतिम फैसला ले लिया गया है.



