लखनऊ, लोकजनता। राजस्व विवादों के त्वरित निस्तारण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त मॉनिटरिंग का असर अब पूरे प्रदेश में दिखने लगा है। राजस्व मामलों के निस्तारण में जहां लखनऊ ने बाजी मारी वहीं जिला न्यायालयों में जौनपुर जिले ने एक बार फिर बाजी मारी। शीर्ष पांच जिलों में प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर और शाहजहाँपुर शामिल हैं।
जिलेवार समीक्षा और निरंतर अनुवर्ती कार्रवाई के परिणामस्वरूप राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर माह में राज्य भर में कुल 3,24,897 राजस्व मामलों का निपटारा किया गया. इनमें सबसे ज्यादा 15,260 मामले राजधानी लखनऊ में निपटाये गये. 10,501 मामलों के साथ प्रयागराज दूसरे, 8,165 के साथ गोरखपुर तीसरे, 7,866 के साथ कानपुर नगर चौथे और 7,707 के साथ शाहजहाँपुर पांचवें स्थान पर रहा। लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जिले में लंबित मामलों को प्राथमिकता पर निस्तारित करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है.
जिला न्यायालयों में जौनपुर लगातार 13वें माह शीर्ष पर रहा। जिले की पांचों राजस्व अदालतों ने बोर्ड के मानक 250 के सापेक्ष 480 वादों का निस्तारण कर 192 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की। 334 वादों के निस्तारण के साथ लखीमपुर खीरी तथा 310 वादों के निस्तारण के साथ क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।
भू-राजस्व मामलों में भी जौनपुर अव्वल: भू-राजस्व मामलों के निस्तारण में भी जौनपुर ने बाजी मारी है। ग़ाज़ीपुर और मिर्ज़ापुर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।



