योगी आदित्यनाथ: इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वंदे मातरम का विरोध करने पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वंदे मातरम वह गीत था जिसने भारत की सोई हुई चेतना को जगाया, जिसने देश को विदेशी दासता से मुक्त कराने की प्रेरणा दी। लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस ने इस गाने में संशोधन करने की कोशिश की और आज भी कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के एक सांसद ने वंदे मातरम गाने से इनकार कर दिया. ऐसे लोग सरदार पटेल की जयंती के कार्यक्रमों में नहीं आते, बल्कि जिन्ना के सम्मान के कार्यक्रमों में जाते हैं. “यह वही मानसिकता है जो देश की एकता और अखंडता को कमजोर करती है।”
भारत माता की आराधना का गीत वंदे मातरम्
सीएम योगी ने कहा कि वंदे मातरम् कोई धार्मिक गीत नहीं बल्कि धरती माता की आराधना का प्रतीक है. इस गीत के माध्यम से भारत का प्रत्येक नागरिक अपनी मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि भारत के ऋषि-मुनियों ने सदैव कहा है कि ‘पृथ्वी हमारी माता है और हम उसके पुत्र हैं’ इसलिए इसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है।
वंदे मातरम् के विरोध ने विभाजन को जन्म दिया
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 1923 में कांग्रेस के अधिवेशन में मोहम्मद अली जौहर ने वंदे मातरम् का विरोध किया और मंच से चले गये. यदि उस समय कांग्रेस ने उनका विरोध किया होता तो शायद भारत का विभाजन नहीं होता। “वंदे मातरम् का विरोध भारत के विभाजन का दुर्भाग्यपूर्ण कारण बना।”
हर शैक्षणिक संस्थान में वंदे मातरम् अनिवार्य होगा
सीएम योगी ने ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश के हर स्कूल और शैक्षणिक संस्थान में वंदे मातरम गाना अनिवार्य किया जाएगा. इससे विद्यार्थियों में मातृभूमि एवं राष्ट्र के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान की भावना जागृत होगी। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् हमारे कर्तव्यों के प्रति जागरूकता और राष्ट्र प्रेम का प्रतीक है।
जिन्ना जैसी सोच को पैदा होने से पहले रोकना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में ‘नया जिन्ना’ पैदा करने की कोशिश की जा रही है, जिसे पनपने से पहले ही रोकना होगा. उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर समाज को बांटने वाली ताकतें देश की एकता के लिए खतरा हैं. “अगर जिन्ना जैसी सोच का पुनर्जन्म हुआ तो हमें इसे समाज से मिटाना होगा।”
सरदार पटेल की प्रतिमा एकता का प्रतीक
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पटेल भारत की अखंडता के निर्माता थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केवड़िया (गुजरात) में स्थापित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ भारत की एकता और ताकत का विश्व प्रतीक बन गई है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के अलावा जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, भाजपा महानगर संयोजक राजेश गुप्ता, मेयर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, फतेह बहादुर सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.



