लखनऊ, लोकजनता: राज्य सरकार ने ज़ूनोटिक बीमारियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों से निपटने के लिए ढाल बना ली है। यह ढाल पशु और मानव स्वास्थ्य सुविधाओं में जैव सुरक्षा और संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण उपायों को और मजबूत करेगी। यह बेहतर निगरानी, प्रयोगशाला सुदृढ़ीकरण और एक मजबूत बहु-क्षेत्रीय प्रतिक्रिया तंत्र को भी मजबूत करेगा।
लखनऊ में जूनोटिक रोगों और सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों की रोकथाम और प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने के लिए पशुधन और डेयरी विकास मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में पशुपालन विभाग और जेपीएआईजीओ (जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय से संबद्ध एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी स्वास्थ्य संगठन) के बीच विधान भवन स्थित उनके कार्यालय कक्ष में सोमवार को औपचारिक रूप से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर पशुपालन विभाग के रोग नियंत्रण एवं क्षेत्र निदेशक डॉ. नेमपाल सिंह और जेपीएआईजीओ के कंट्री निदेशक डॉ. अमित शाह ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव पशुधन एवं डेयरी विकास मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव देवेन्द्र पांडे एवं निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डॉ. योगेन्द्र सिंह पंवार भी उपस्थित थे।
प्रयोगशालाओं की क्षमता भी बढ़ेगी: मुकेश मेश्राम
प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा कि समझौता जोखिम संचार में सुधार पर जोर देता है, ताकि सही जानकारी समुदायों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं तक पहुंच सके। साथ ही, पशु और मानव स्वास्थ्य सुविधाओं में जैव सुरक्षा और संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण उपायों को और मजबूत किया जा सकता है। इसके अलावा, यह समझौता प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ाने, उन्नत प्रौद्योगिकियों के माध्यम से तीव्र, विश्वसनीय और बहु-रोगज़नक़ परीक्षण को सक्षम करने पर भी केंद्रित है।



