लखीमपुर खीरी, लोकजनता। सिंगाही थाना क्षेत्र में पुलिस और कुछ तहसील अधिकारियों के संरक्षण में खनन कर रहे माफियाओं की हिम्मत इतनी बढ़ गई कि उन्होंने छापेमारी के दौरान खनन इंस्पेक्टर के गनर पर बंदूक तान दी और उसकी राइफल छीनने की कोशिश की. इतना ही नहीं टीम को ट्रैक्टर से कुचलने का भी प्रयास किया गया. हालांकि टीम ने रेत से भरे दो ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त कर लिए हैं। खनन निरीक्षक की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों को नामजद करते हुए पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।
सिंगाही थाना क्षेत्र के मोतीपुर के पास से निकली जौरहा नदी से कई वर्षों से दिन-रात बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन चल रहा था। इस धंधे में पुलिस और निघासन तहसील के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता के कारण माफिया के हौंसले काफी बुलंद हो गये थे. इसका नतीजा यह हुआ कि खनन रुकने वाला नहीं था. लोकजनता ने 10 नवंबर के अंक में खबर प्रकाशित कर अवैध खनन के काले कारोबार का सच उजागर किया था. सरकार ने खबर को गंभीरता से लिया और जिला प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिये.
18 नवंबर की रात करीब 11 बजे खनन पदाधिकारी आशीष सिंह ने मोतीपुर के भौका घाट पर छापेमारी की. इस दौरान टीम ने अवैध रूप से रेत परिवहन कर रहे चार ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़े। इनमें से दो ट्रॉली रेत से भरी हुई थीं, जबकि दो खाली ट्रॉली रेत से भरने जा रही थीं। टीम ने चालकों के मोबाइल फोन जब्त कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही मोतीपुर निवासी मुन्ना खां, कल्लू पुरवा निवासी हीरालाल, कोतवाली तिकुनिया के गांव तकिया पुरवा निवासी रवींद्र भार्गव और बंजरिया फार्म थाना सिंगाही निवासी फतेह सिंह अपने चार-पांच अन्य साथियों के साथ मौके पर पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध करते हुए खनन अधिकारी से गाली-गलौज और हाथापाई की कोशिश की।
आरोप है कि हमलावरों ने गनर प्रदीप कुमार पर पिस्तौल तानकर उनकी राइफल छीनने की भी कोशिश की. इसी बीच दो खाली ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक मौके का फायदा उठाकर भाग गए। रोकने की कोशिश के दौरान अवैध खनन कर रहे लोगों ने टीम पर गाड़ी चढ़ाने की भी कोशिश की. नामजद आरोपी खनन माफिया बताये जा रहे हैं. मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को कब्जे में लेकर थाने में खड़ा करा लिया। जांच में पता चला कि सिंघा कला गांव के पास जोहरा नदी के भौकाघाट और पोखरीघाट इलाके में करीब 9,518 घन मीटर अवैध बालू का खनन किया गया था.
दोनों स्थानों की जीपीएस लोकेशन भी रिकार्ड की गई। खनन अधिकारी ने बताया कि आरोपी पहले भी अवैध खनन में शामिल रहे हैं और उनके खिलाफ पहले भी कार्रवाई हो चुकी है. रात के अंधेरे में चोरी-छिपे किए जा रहे इस अवैध खनन से न सिर्फ राजस्व की हानि हो रही थी, बल्कि सार्वजनिक सड़कों को भी नुकसान पहुंच रहा था. खनन निरीक्षक की शिकायत पर उत्तर प्रदेश की सिंगाही पुलिस ने मो. खनिज (परिहार) नियम 2021 के नियम 3, 58, 72 और खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 4/21 सहित संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच शुरू कर दी गई है।
माफिया की संपत्ति की जांच की उठी मांग
क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि जौराहा नदी के सिंगाही क्षेत्र स्थित कोला घाट, पोखरी घाट, दरेहटी घाट, भौका घाट और मांझा घाट पर मोतीपुर और तकियापुरवा के खनन माफिया लंबे समय से पुलिस और तहसील अधिकारियों की मिलीभगत से खनन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल से लकड़ी लाकर दूसरों के खेतों में काम करने वाले अब खनन माफिया बन गये हैं. कारोबार से जुड़े लोगों ने जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्रॉली और आलीशान कोठियां बना ली हैं। लोगों की मांग है कि इन माफियाओं की संपत्तियों की जांच कर कार्रवाई की जाये.



