राज्य ब्यूरो, लखनऊ, अमृत विचार : प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर सीटों (एमडी-एमएस) की 230 नई सीटें बढ़ाई गई हैं, जिनमें से सबसे अधिक संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में 31 पीजी सीटें और सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में 30 पीजी सीटें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा अनुमोदित की गई हैं। कुल बढ़ी हुई सीटों में से 189 एमडी की और 41 एमएस की हैं। सीटें बढ़ने से न केवल एमबीबीएस छात्रों के लिए अवसर बढ़ेंगे बल्कि राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ेगी।
प्रदेश में पीजी सीटों की बढ़ोतरी में एसजीपीजीआई लखनऊ में इमरजेंसी मेडिसिन, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, इम्यूनो हेमेटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन, माइक्रोबायोलॉजी, एनेस्थिसियोलॉजी में चार-चार एमडी सीटें, ऑप्थल्मोलॉजी और हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में दो-दो और ऑर्थोपेडिक्स में एमएस की तीन सीटें बढ़ी हैं। मानकों के निरीक्षण के बाद नोएडा स्थित सुपर स्पेशलिटी बाल चिकित्सा अस्पताल में कुल नौ सीटें बढ़ाई गई हैं।
इसी तरह केजीएमयू में स्पोर्ट्स मेडिसिन, डर्मेटोलॉजी, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजी और रेडियोथेरेपी में चार-चार सीटें (कुल 20 सीटें) बढ़ाई गई हैं। लखनऊ के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एनेस्थीसिया की सिर्फ चार सीटें बढ़ी हैं। जीआईएमएस नोएडा में नेत्र रोग विज्ञान की दो सीटें बढ़ाई गई हैं। इसके अलावा सिद्धार्थनगर, फतेहपुर, हरदोई और मीरजापुर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में छह-छह सीटें बढ़ाई गई हैं। बांदा में चार, बस्ती में 10 और फिरोजाबाद में विभिन्न विषयों में एमडी की 24 सीटें बढ़ाई गई हैं। इसके अलावा एलएलआर मेडिकल कॉलेज, मेरठ में रेस्पिरेटरी मेडिसिन की दो सीटें बढ़ाई गई हैं। अम्बेडकर नगर में 20 सीटें बढ़ाई गई हैं, जबकि झाँसी, प्रयागराज, बहराईच, आगरा और जौनपुर में भी विभिन्न विषयों में सीटें बढ़ाई गई हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटें बढ़ने से विशेषज्ञ बनने के अवसर बढ़े हैं, जिससे राज्य के मेडिकल छात्रों को बेहतर विकल्प मिलेंगे और राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ेगी।
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