अलीगढ. अलीगढ़ जिले में ‘लिपिकीय त्रुटि’ के कारण कागज पर मृत घोषित कर दी गई एक महिला पिछले तीन वर्षों से सरकारी रिकॉर्ड में खुद को जीवित साबित करने के लिए संघर्ष कर रही है, हालांकि अधिकारी अब रिकॉर्ड को सही करने की तैयारी कर रहे हैं। खैर के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) शिशिर कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि मामले को अब प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है.
तहसील क्षेत्र के गांव चमर नगरिया निवासी सरोज देवी ने वर्ष 2022 में अपने पति जगदीश प्रसाद के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन किया था, लेकिन अधिकारियों ने गलती से सरोज देवी का ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। 1 जनवरी, 2022 को दर्ज की गई इस त्रुटि के कारण उनका आधार कार्ड रद्द हो गया और पहचान सत्यापन से संबंधित सभी बुनियादी सुविधाएं बंद हो गईं। सरकारी रिकॉर्ड से इनका ‘अस्तित्व’ मिट जाने के बाद इन्हें दैनिक कार्यों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इससे पहले 15 नवंबर को सरोज देवी ने तहसील दिवस के शिकायत मंच पर अपना दर्द बयां किया था और वरिष्ठ अधिकारियों से अपनी पहचान और सम्मान वापस दिलाने की गुहार लगाई थी. उन्होंने अधिकारियों को बताया कि गलत प्रमाणपत्र जारी होने के बाद से वह एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय का चक्कर लगा रही हैं.
लेकिन सरकारी अधिकारियों की ‘उदासीनता’ के कारण दस्तावेजों में सुधार नहीं हो पा रहा है. उप जिलाधिकारी शिशिर कुमार ने बताया कि इस मामले को अब प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है. उन्होंने कहा, “इस समस्या का तुरंत समाधान किया जा रहा है. आवश्यक सुधार कार्य चल रहे हैं.”



