लखनऊ. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शनिवार को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में पदाधिकारियों की बैठक की. बैठक में पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य की जिला स्तरीय ‘पिछड़ा वर्ग समाज भाईचारा संगठन’ की एक अलग मासिक बैठक में ओबीसी समुदाय को पार्टी से जोड़ने के लिए दिए गए पूर्व दिशा-निर्देशों की गहन समीक्षा की गई.
बैठक के बाद जारी बयान के मुताबिक, पिछले कुछ महीने पहले ओबीसी समुदाय को बसपा में शामिल करने के लिए हुई बड़ी बैठक में उनके द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों पर जमीनी क्रियान्वयन की समीक्षा की गई और जिलेवार प्रगति रिपोर्ट भी ली गई. पार्टी को आर्थिक सहयोग प्रदान करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये गये। बयान के मुताबिक, उन्होंने उत्तर प्रदेश समेत देश के 12 राज्यों में चुनाव आयोग द्वारा कराये जा रहे मतदाता सूची यानी एसआईआर के गहन पुनरीक्षण के महत्व को समझाते हुए चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का पूरी तत्परता से पालन करने के आवश्यक निर्देश भी दिये.
मायावती ने कहा है कि बसपा के राजनीतिक संघर्ष में हर व्यक्ति के वोट की बहुत अहम भूमिका है. इसलिए चुनाव में मतदान की संवैधानिक जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए सभी पात्र लोगों को अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज कराना और अपना वोटर कार्ड बनवाना बेहद जरूरी है, जिसके संबंध में यह मासिक बैठक निर्धारित 10 नवंबर के बजाय आज 01 नवंबर को बुलाई गई है.
बसपा प्रमुख ने यह भी कहा कि जितनी जल्दी ओबीसी समाज संगठित होकर पार्टी के बैनर तले सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने के लिए मजबूती से काम करेगा, उतनी जल्दी उनके अच्छे दिन जरूर आएंगे. इस बैठक में मायावती ने बामसेफ के बारे में फैलाई जा रही विभिन्न भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से यह भी कहा कि बामसेफ कोई राजनीतिक संगठन या पार्टी नहीं है. बल्कि यह शिक्षित कर्मचारियों का एक सामाजिक संगठन है, जिसका मुख्य कार्य बहुजन समाज के लोगों में उनकी सुविधा के अनुसार सामाजिक चेतना पैदा करना है।



