मुरादाबाद, अमृत विचार। नगर निगम प्रशासन ने लोक आस्था के महापर्व छठ को मनाने के लिए मुरादाबाद में स्थायी छठ घाट की पूर्वाचलवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को मूर्त रूप देते हुए इस वर्ष ऐतिहासिक पहल की और लोकोशेड पुल के पास पहला स्थायी छठ घाट सूर्योपासना के पवित्र पर्व छठ पूजा के लिए समर्पित कर दिया। रविवार को नगर विधायक रितेश गुप्ता और नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अतुल कुमार, अजीत कुमार सिंह आदि ने फीता काटकर घाट को जनता को समर्पित किया.
लोकोशेड के पास बने इस छठ घाट परिसर को फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया था. छठ पर्व के अवसर पर व्रतियों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाट पर साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन, रेलिंग, रैंप, पेयजल एवं शौचालय आदि की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. घाट का उद्घाटन करने के बाद विधायक ने कहा कि छठ पूजा न सिर्फ आस्था का बल्कि अनुशासन, पर्यावरण और स्वच्छता का भी त्योहार है. इस सुन्दर एवं स्थाई घाट के रूप में नागरिकों को एक उत्कृष्ट सुविधा प्राप्त हुई है। इस कार्य के लिए नगर आयुक्त दिव्याशु पटेल एवं नगर निगम की पूरी टीम बधाई की पात्र है। जिन्होंने कम समय और निर्धारित समय सीमा के भीतर इस कार्य को पूरा कर नागरिकों के विश्वास का सम्मान किया।
नगर निगम के अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से छठ पूजा सहित अपने सभी त्योहारों को शून्य अपशिष्ट त्योहार के रूप में मनाने की अपील की। इस अवसर पर लोगों से एकल-उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने, घरेलू कचरे को अलग-अलग करने और पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय योगदान देने का आग्रह किया गया।
सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी ली
नगर निगम द्वारा निर्मित घाट परिसर में सूचनाप्रद साइनबोर्ड, डस्टबिन एवं आकर्षक सेल्फी प्वाइंट एवं स्वच्छता प्रतिज्ञा हस्ताक्षर दीवार लगाई गई है। जहां संदेश लिखा है कि मैं अपने सभी त्योहारों को जीरो वेस्ट त्योहार के रूप में मनाऊंगा और इस बार छठ पूजा को जीरो वेस्ट छठ पूजा के रूप में मनाऊंगा और पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाऊंगा। विधायक ने यहां लोगों से सेल्फी लेकर इस संदेश को साकार करने की अपील भी की.
नागरिकों ने ली शपथ
घाट के उद्घाटन में आए लोगों ने शपथ ली कि वे सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेंगे, अपने कचरे को अलग-अलग करेंगे और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे. छठ घाट अब न केवल सूर्य उपासना का पवित्र स्थल होगा, बल्कि यह मुरादाबाद की सांस्कृतिक एकता, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का भी प्रतीक बनेगा।



