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Tuesday, November 4, 2025
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माटीकला मेले में बना 4.20 करोड़ रुपए की बिक्री का रिकॉर्ड…खरीदारों की भारी भीड़ से खिले व्यवसायियों के चेहरे और जेब, देखें क्या कहता है रिकॉर्ड

लखनऊ, लोकजनता: राज्य की पारंपरिक माटी कला को नया जीवन मिल रहा है। योगी सरकार के प्रयासों और माटीकला बोर्ड की सक्रिय पहल से इस वर्ष आयोजित मेलों में रिकॉर्ड बिक्री हुई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में आयोजित माटीकला महोत्सव, क्षेत्रीय एवं मिनी मेलों के दौरान कुल 4,20,46,322 रुपये की बिक्री हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 91 लाख रुपये (27.7%) से अधिक की वृद्धि दर्शाती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता सूची में पारंपरिक शिल्पकारों का आर्थिक सशक्तिकरण प्रमुख है। माटीकला बोर्ड ने राज्य भर में मेलों और प्रदर्शनी कार्यक्रमों को एक शक्तिशाली विपणन मंच बना दिया है, जिससे हजारों कारीगरों को उपभोक्ताओं से सीधे जुड़ने का अवसर मिला है।

बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, लखनऊ के खादी भवन में 10 से 19 अक्टूबर तक आयोजित दस दिवसीय उत्सव के दौरान 56 दुकानों ने ₹1.22 करोड़ से अधिक की बिक्री की। इसी तरह 13 से 19 अक्टूबर तक गोरखपुर, आगरा, कानपुर देहात और मुरादाबाद में आयोजित क्षेत्रीय मेलों में 126 दुकानों से 78.84 लाख रुपये की बिक्री हुई। वहीं, 70 जिलों में 17 से 19 अक्टूबर तक आयोजित तीन दिवसीय लघु मिट्टी कला मेलों में 509 दुकानों से 2.19 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई.

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 878 दुकानों से कुल 3.29 करोड़ रुपये की बिक्री हुई. इस बार दुकानों की संख्या कम होने के बावजूद बिक्री का आंकड़ा बढ़ा है. यह उत्पादों की गुणवत्ता, आकर्षक डिस्प्ले सिस्टम और उपभोक्ता विश्वास का संकेत है।

कारीगरों के सशक्तिकरण का सशक्त मॉडल

खादी एवं ग्रामोद्योग माटीकला बोर्ड के सीईओ शिशिर सिंह ने कहा कि इस वर्ष के आयोजन न केवल मार्केटिंग के लिहाज से सफल रहे, बल्कि कारीगरों को आत्मनिर्भरता के प्रति नया आत्मविश्वास भी मिला। अब बोर्ड का लक्ष्य कारीगरों को प्रशिक्षण, डिजाइन विकास, ब्रांडिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ना है ताकि उनके उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच सकें। सरकार ने माटी कला उद्योग के लिए निःशुल्क मिट्टी निकालने की सुविधा प्रदान कर तथा उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड का गठन कर पारंपरिक कारीगरों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार के समग्र समर्थन ने कारीगरों को उपभोक्ताओं से सीधे जुड़ने का अवसर दिया है। उत्पादों की गुणवत्ता और ब्रांड वैल्यू में वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

माटीकला मेलों की बिक्री – इस वर्ष का विवरण

घटना अवधि दुकानों की बिक्री की संख्या (₹)

लखनऊ महोत्सव 10-19 अक्टूबर 56 1,22,41,700
क्षेत्रीय मेले (गोरखपुर, आगरा, कानपुर देहात, मोरादाबाद) 13-19 अक्टूबर 126 78,84,410
मिनी मेला (70 जिले) 17-19 अक्टूबर 509 2,19,20,212
कुल बिक्री 691 दुकानें 4,20,46,322

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