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Wednesday, October 22, 2025
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महोबा में श्री गोवर्धन नाथ मेला आज: विधिवत पूजा-अर्चना के साथ शुरू, हाथी-घोड़े और बैंड-बाजे के साथ निकली शोभा यात्रा.

महोबा. उत्तर प्रदेश के महोबा में एक माह तक चलने वाला चरखारी रियासत का अति प्राचीन एवं प्रसिद्ध धार्मिक श्री गोवर्धन नाथ मेला आज परम्परागत ढंग से प्रारम्भ हो गया। जिलाधिकारी गजल भारद्वाज एवं क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों ने सामूहिक रूप से विधिवत पूजा-अर्चना के साथ मेले का शुभारम्भ किया। इस दौरान आकर्षक रंग-बिरंगी आतिशबाजी का भी प्रदर्शन किया गया।

बुन्देलखण्ड के मिनी वृन्दावन के नाम से विख्यात चरखारी में लगने वाले धार्मिक महत्व के प्राचीन मेले की परम्परा के अनुसार श्री गोवर्धन नाथ की लगभग पांच फीट ऊंची देव प्रतिमाओं को ड्योढ़ी स्थित मंदिर से लाकर मेला परिसर में तैयार किये गये आकर्षक बंगले में ले जाया गया। नगर में भव्य जुलूस निकाला गया। हाथी, घोड़े और बैंड-बाजे के साथ निकली शोभा यात्रा का पूरे रास्ते में शहरवासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया.

इस दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं ने देव प्रतिमाओं की आरती उतारी। करीब ढाई किलोमीटर का पारंपरिक मार्ग तय कर जब जुलूस मेला परिसर पहुंचा तो वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने जयकारे लगाकर उनका स्वागत किया। चरखारी मेले के आयोजक नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी अमर जीत ने बताया कि यह मेला कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर पूरे एक माह तक चलेगा।

श्री गोवर्धननाथ की प्रतिमा स्थापना के बाद अब शहर के विभिन्न मंदिरों में स्थापित भगवान की प्रतिमाएं प्रतिदिन आएंगी। उन्हें मेला परिसर में उनके निर्धारित स्थान (मंडप) पर बैठाया जाएगा। यह प्रक्रिया एक सप्ताह तक चलेगी. इसके बाद गोवर्धन नाथ जी का दरबार सजाया जाएगा। मेले के दौरान यहां विशाल यज्ञ, धार्मिक कथाएं और रासलीला आदि का आयोजन किया जाएगा।

देवोत्थान एकादशी और कार्तिक पूर्णिमा के विशेष त्योहारों के दौरान विशेष धार्मिक आयोजन किए जाएंगे, जब मेले में कृष्ण भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। गौरतलब है कि रियासत काल में चरखारी के श्री गोवर्धन नाथ मेले की शुरुआत 142 साल पहले तत्कालीन राजा मलखान सिंह जू देव ने की थी। वह अत्यंत धार्मिक और कृष्ण भक्त थे। उन्होंने शहर में 108 कृष्ण मंदिर बनवाये थे। ये सभी मंदिर भगवान कृष्ण के 108 नामों से जाने जाते थे।

प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर चरखारी को इसके सात सरोवरों और मन्दिरों के कारण मिनी वृन्दावन का नाम दिया गया। कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि एक माह तक चलने वाले मेले में दूर-दूर से लोग भाग लेने आते हैं. यही कारण है कि उनके मनोरंजन के लिए झूले, खेल तमाशे के अलावा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। मेले के दौरान यहां राष्ट्रीय स्तर की हॉकी और क्रिकेट प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। जिसमें देश के मशहूर खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं. नगर परिषद बोर्ड की ओर से इस मेले के लिए 35 लाख रुपये का बजट तय किया गया है.

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