जौनपुर। लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर मंगलवार की सुबह पुत्र प्राप्ति, समृद्धि और मंगलकामना के लिए आदि गंगा गोमती के हनुमान घाट, मूर्ति विसर्जन घाट गोपी घाट समेत पूरे जौनपुर जिले के विभिन्न घाटों पर उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों व जलाशयों में भी उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया. सुबह से ही छठव्रतियों व दर्शनार्थियों का आगमन शुरू हो गया था. जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र और पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ मंगलवार की सुबह नाव पर सवार हुए और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बड़ी संख्या में छठव्रती अपने पूरे परिवार और गाजे-बाजे के साथ घाटों पर पहुंचे और पूरे विधि-विधान के साथ सूर्य देव की पूजा की. छठव्रतियों ने उगते सूर्य और छठमाता की पूजा की. इस दौरान आतिशबाजी और गाजे-बाजे से माहौल रंगीन बना रहा। घाट पर काफी भीड़ थी. बांस से बने सूप के कटोरे और टोकरियों में प्रसाद का सामान भरकर घाट पर ले जाया जाता है, जहां सूर्य देव और छठी मैया को अर्घ्य दिया जाता है। उषा अर्घ्य सूर्य देव और छठी मैया को दिया जाता है।
छठ के आखिरी दिन अर्घ्य के बाद बांस की टोकरियों का प्रसाद सबसे पहले व्रती खाते हैं और फिर परिवार के सभी सदस्यों और व्रतियों के बीच वितरित किया जाता है। छठ पूजा के चार दिवसीय त्योहार के तीसरे दिन, डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसे संध्या अर्घ्य या पहला अर्घ्य के रूप में जाना जाता है। छठ के तीसरे दिन से शुरू होने वाले इस महापर्व में छठ का प्रसाद बनाने की विशेष तैयारी की जाती है, जिसका बहुत महत्व है.
व्रती और उनके परिवार के सदस्य दिन में जल्दी स्नान करते हैं और प्रसाद रखने के लिए नए बांस के सूप और टोकरियाँ खरीदते हैं। चावल, गन्ना, ठेकुआ, पकवान, ताजे फल, सूखे मेवे, पेड़ा, मिठाई, गेहूं, गुड़, सूखे मेवे, नारियल, घी, मखाना, नींबू, सेब, संतरा, इलायची, हरी अदरक और सूप जैसे विभिन्न प्रकार के सात्विक खाद्य पदार्थ रखे जाते हैं। भीड़ देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब लोग अपने शहर जौनपुर में छठ मनाना ज्यादा पसंद करने लगे हैं.
मंगलवार को भी सुबह-सुबह सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. छठव्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह से ही घाट पर पहुंचना शुरू कर देंगे. इसके बाद मंगलवार को फिर से घाटों पर लोगों की भीड़ उमड़ेगी. इस दौरान उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे का कठिन व्रत तोड़ा गया. मंगलवार सुबह पहली बार उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए जुटी व्रती महिलाओं की सुरक्षा का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद और पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ खुद पहुंचे।
जिलाधिकारी ने कहा कि जौनपुर शहर की इस जगह को देखकर ऐसा लगता है मानो बिहार ही उठकर यहां आ गया हो. उन्होंने लोगों से अपील की कि नदी को साफ रखने के लिए इसमें कोई भी ऐसी चीज न डालें जिससे इसका पानी प्रदूषित हो, क्योंकि नदी मां है. पिछली परंपराओं के अनुसार इस वर्ष भी छठ के अवसर पर दुर्गा पूजा महासमिति ने नव दुर्गा शिव मंदिर में समान रूप से सेवा प्रसाद एवं पूजा का वितरण किया।
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक आयुष श्रीवास्तव, नगर मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह, क्षेत्राधिकारी सह नगर सहायक पुलिस अधीक्षक गोल्डी गुप्ता, नगर पालिका परिषद जौनपुर के अधिशाषी अधिकारी पवन कुमार, नगर कोतवाल विश्वनाथ प्रताप सिंह सहित अतुल वेलफेयर ट्रस्ट की अध्यक्ष उर्वशी सिंह, लाल गुलाब के अध्यक्ष बिट्टू किन्नर, वरिष्ठ पत्रकार लोलारक दुबे, संजय आस्था, दीपक श्रीवास्तव, एहसास, अजय पांडे, सूरज जयसवाल, हिमांशु जयसवाल, दीपक जयसवाल आदि मौजूद रहे। मेले का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता राजदेव यादव ने ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से बहुत ही सुंदर ढंग से किया।



