राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह: 25 नवंबर को श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण समारोह का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस ऐतिहासिक क्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूद रहने की पूरी संभावना है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अयोध्या पहुंचेंगे और तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे.
योगी आदित्यनाथ मंदिर परिसर, कार्यक्रम स्थल और पीएम के संभावित मार्गों का निरीक्षण करेंगे, ताकि ध्वजारोहण समारोह को सर्वोत्तम रूप दिया जा सके. ध्वजारोहण के साथ ही मंदिर का मुख्य निर्माण कार्य पूरी तरह से पूरा माना जाएगा और इसके बाद पूरा परिसर आम भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. फिलहाल श्रद्धालुओं को केवल गर्भगृह और प्रथम तल पर ही जाने की अनुमति है।
आतिथ्य सत्कार में राज्य सरकार की ‘अतिथि देवो भव’ की भावना दिखेगी.
ध्वजारोहण कार्यक्रम में देश-विदेश से संतों, वीआईपी, राजनयिकों और विशिष्ट अतिथियों के भारी जमावड़े की उम्मीद है. उनके स्वागत के लिए योगी सरकार ने खास इंतजाम किये हैं.
*सभी प्रमुख पार्किंग स्थलों पर गोल्फ कार्ट तैनात किए जाएंगे, जो मेहमानों को सीधे राम मंदिर तक ले जाएंगे।
*इससे भीड़ को नियंत्रित करना आसान हो जाएगा और यात्रियों को पैदल चलने से राहत मिलेगी.
मंदिर परिसर में दो बड़े खोया-पाया शिविर भी लगाए जाएंगे, ताकि भीड़ के बीच किसी भी असुविधा की स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान की जा सके।
अयोध्या में मल्टीलेयर सुरक्षा व्यवस्था
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम के मुताबिक 25 नवंबर को अयोध्या में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी.
*हजारों पुलिसकर्मी, पीएसी, सीआरपीएफ और खुफिया एजेंसियां तैनात की जाएंगी।
*ड्रोन कैमरे और हाईटेक सीसीटीवी से होगी पूरे शहर की निगरानी।
राम मंदिर ट्रस्ट के एक सदस्य के मुताबिक, मुख्य शिखर पर भगवा ध्वज फहराने के बाद इस नौ शिखर वाले दिव्य मंदिर का स्वरूप पूरा हो जाएगा और यह पूरी दुनिया के लिए आस्था का एक अनूठा संदेश बन जाएगा.
मुख्यमंत्री स्वयं प्रत्येक व्यवस्था का निरीक्षण करेंगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यह कार्यक्रम भारत के लिए है.
संस्कृति, भक्ति और आस्था का वैश्विक प्रतीक बन गया। मंगलवार की समीक्षा बैठक में उन्होंने:
*यातायात व्यवस्था
*सुरक्षा व्यवस्था
*अतिथि प्रबंधन
*मंदिर परिसर की तैयारी
*सभी पहलुओं की स्वयं समीक्षा करेंगे।
सरकार का लक्ष्य 25 नवंबर के ध्वजारोहण समारोह को ऐतिहासिक, भव्य और अविस्मरणीय बनाना है.



