लखनऊ, लोकजनता: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषणों ने सोमवार को बिहार का सियासी पारा बढ़ा दिया. उन्होंने महागठबंधन के तीन बड़े नेताओं कांग्रेस के राहुल गांधी, सपा के अखिलेश यादव और राजद के तेजस्वी यादव पर तंज कसा. कहा कि गांधीजी के तीन बंदर थे, बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो, लेकिन ‘भारत गठबंधन’ के तीन बंदर पप्पू, टप्पू और अप्पू हैं। कोई सत्य नहीं देख सकता, कोई सत्य नहीं सुन सकता और कोई सत्य बोल नहीं सकता। इसलिए इन्हें न मोदी जी का विकास दिखता है, न गरीबों का कल्याण दिखता है, न अपनी विरासत का सम्मान दिखता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बिहार में एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में केवटी, मुजफ्फरनगर, गरखा और दीघा विधानसभा क्षेत्रों में चार जनसभाओं को संबोधित किया। योगी के भाषणों में विकास, आस्था और राष्ट्रवाद का संगम दिखा. उन्होंने कहा कि अब बिहार में माफिया नहीं, बुलडोजर का राज चलेगा. उन्होंने महागठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और राजद ने बिहार को जातीय हिंसा, माफिया तंत्र और भ्रष्टाचार की आग में झोंक दिया है. योगी ने कहा कि कांग्रेस और राजद ने न सिर्फ बिहार की अस्मिता को धूमिल किया बल्कि मां जानकी और भगवान श्रीराम के अस्तित्व को भी नकार कर हिंदू आस्था का भी अपमान किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कहती है कि भगवान राम का अस्तित्व ही नहीं था. राम भक्तों पर राजद ने लाठियां चलवाईं, सपा ने गोलियां चलवाईं. लेकिन हमने कहा था कि रामलला हम आएंगे और मंदिर वहीं बनाएंगे और आज भव्य राम मंदिर बन गया है. योगी ने कहा कि 1992 से 2005 तक नरसंहार, अपहरण और अराजकता से बिहार का नाम खराब हुआ. अब उन्हें बिहार लौटने की इजाजत नहीं होगी.
बिहार-यूपी का रोटी-बेटी का रिश्ता
योगी ने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश का रिश्ता त्रेता युग से ही रोटी-बेटी का है. उन्होंने कहा कि जब यूपी आगे बढ़ता है तो बिहार भी आगे बढ़ता है. आज बिहार में रामराज्य जैसा विकास डबल इंजन की सरकार से ही संभव है।
योगी के तीखे हमले
-कांग्रेस-आरजेडी ने राम और जानकी के अस्तित्व को भी नकारा, हिंदू आस्था का अपमान किया.
-1992-2005 में छह दर्जन नरसंहार और 30,000 अपहरण हुए, वे वही शासन वापस लाना चाहते हैं।
-जयप्रकाश नारायण की पत्नी के नाम पर एनडीए ने अस्पताल बनाया, महागठबंधन ने सिर्फ नाम भुनाया.
-विकास और आस्था का संगम, अयोध्या-सीतामढ़ी फोरलेन पर 6,155 करोड़ स्वीकृत।
-2026 तक खत्म होगा नक्सलवाद, स्वर्णिम बिहार का मार्ग प्रशस्त करेगी एनडीए.



