सूरतगंज/बाराबंकी, अमृत विचार। यम द्वितीया के शुभ अवसर पर हेतमापुर धाम में आस्था और भक्ति का ऐसा अद्भुत संगम देखने को मिला कि मानो स्वर्ग ही धरती पर उतर आया हो। सूर्य उपासक एवं एकनामी संप्रदाय के संस्थापक बाबा नारायण दास की समाधि बुधवार की शाम हजारों दीपों की सुनहरी रोशनी से जगमगा उठी।
भोर होते ही श्रद्धालुओं का सैलाब हेतमापुर धाम की ओर बढ़ने लगा। दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने सरयू नदी के पवित्र जल में स्नान किया और बाबा की समाधि पर पुष्प अर्पित किए। सूर्यास्त होते ही पूरे धाम में दीपों की जगमगाहट फैल गई। बाबा की समाधि के चारों ओर जलते दीपकों से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे देवत्व स्वयं धरती पर अवतरित हो गया हो। पूरा परिसर जय बाबा नारायण दास के जयकारे से गूंज उठा।
शाम की आरती के दौरान श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से दीप जलाए, जिससे धाम का कोना-कोना भक्ति के रंग में रंग गया। घंटियों की मधुर ध्वनि, आरती की लौ और भजनों की स्वर लहरियों ने माहौल को पूरी तरह से देवीमय बना दिया। स्थानीय श्रद्धालु कमलेश मिश्र ने कहा कि “बाबा नारायण दास ने अपने जीवन से जो तपस्या, सादगी और सेवा का संदेश दिया वह आज भी मानवता का मार्ग आलोकित कर रहा है.
उन्होंने दिखावा और पाखंड से दूर रहकर सच्चाई, ईमानदारी और करुणा का संदेश दिया। रात होते ही जब एक साथ हजारों दीपक जले तो हेतमापुर धाम का कोना-कोना सुनहरी चमक से नहा उठा। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के चेहरे पर भक्ति और खुशी नजर आ रही थी. पुलिस-प्रशासन के व्यापक इंतजामों के बीच श्रद्धालुओं ने अनुशासन और भक्तिभाव से दीप जलाए।