बाराबंकी, अमृत विचार। भ्रूण परीक्षण में जब गर्भवती महिला को बेटी निकली तो कानून के विपरीत लखनऊ के एक अस्पताल में उसका जबरन गर्भपात करा दिया गया। संक्रमण फैलने से उसकी तबीयत बिगड़ गई और विवाहिता की मौत हो गई। जब पुलिस ने नहीं सुनी तो मृतक के भाई ने कोर्ट का सहारा लिया। कोर्ट के आदेश पर हत्या का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज की गई है।
लोनीकटरा थाना क्षेत्र के बल्ला साईंखेड़ा निवासी नीरज मिश्रा ने कोर्ट में अपील करते हुए कहा कि उनकी बहन सोनिया उर्फ प्रज्ञा मिश्रा की शादी वर्ष 2017 में लखनऊ के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र के ग्राम जबरौली निवासी नीरज तिवारी से हुई थी। दो बेटियों के जन्म के बाद ससुराल वालों द्वारा उसे लगातार प्रताड़ित किया जाने लगा. आरोप है कि परिवार आगे न बढ़ पाने और बेटा न होने के कारण ससुराल वाले उसकी बहन को प्रताड़ित और पीटते थे।
नीरज के मुताबिक, जब उसकी बहन तीसरी बार गर्भवती हुई और दोबारा जांच में पता चला कि वह एक लड़की से गर्भवती है, तो उसके पति नीरज तिवारी और उसके परिवार ने मोहनलालगंज के उपकार अस्पताल में जबरन उसका गर्भपात करा दिया। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई.
लेकिन उसे जानबूझकर विद्या हॉस्पिटल मोहनलालगंज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान 6 सितंबर 2025 को उसकी मौत हो गई। भाई का आरोप है कि गर्भपात के दौरान संक्रमण फैलने के बावजूद इलाज में जानबूझकर लापरवाही की गई, जिससे उसकी बहन की मौत हो गई। उपकार अस्पताल की महिला कर्मचारी मीनू ने गर्भपात कराने की बात स्वीकार की है।
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