लखनऊ, लोकजनता: शहर में अवैध झुग्गियों में रहने वाले बांग्लादेशियों और तथाकथित रोहिंग्याओं को बाहर निकाला जाएगा। सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर बसाई गई झुग्गियों को हटाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। नगर निगम और जिला प्रशासन इन बाहरी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है. एसआईआर के माध्यम से शहर में अवैध रूप से बसे इन लोगों की पहचान की जायेगी. खुद को असम का निवासी बताने वाले इन लोगों के एनआरसी कागजात की भी जांच की जाएगी.
“लोकजनता” शहर में अवैध झुग्गियों के खिलाफ चलाए गए अभियान का मेयर सुषमा खर्कवाल ने संज्ञान लिया है और कहा है कि इन्हें जल्द से जल्द चिन्हित कर हटाया जाए। उन्होंने नगर निगम के जोनल सेनेटरी ऑफिसर को नगर निगम में कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से काम करने वाले सफाई कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच करने का निर्देश दिया है। ताकि बांग्लादेशियों और तथाकथित रोहिंग्या की पहचान की जा सके.
गौरतलब है कि वीआईपी कॉलोनियों के बीच बसी अवैध झुग्गियां लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बनती जा रही हैं। इन झुग्गियों में बांग्लादेशी और तथाकथित रोहिंग्या भी हो सकते हैं. ये लोग कहां से आये हैं और कौन हैं, इसका पता नहीं चल पाया है. लेकिन इन बाहरी लोगों ने आधार कार्ड और वोटर कार्ड तक बनवा लिया है और खुद को देश का नागरिक बताने से नहीं कतराते. उनकी झुग्गियों में बिजली से लेकर पानी के कनेक्शन और यहां तक कि एसी तक सब कुछ है।
रेलवे ट्रैक, फुटपाथ और सरकारी भूखंडों का अतिक्रमण
शहर में रेलवे ट्रैक, सड़क किनारे फुटपाथ और सरकारी भूखंडों पर कब्जा कर अवैध झुग्गियां बस गई हैं। ऐशबाग की रामनगर कॉलोनी में फुटपाथ और नाली के अलावा एलडीए की जमीन पर झुग्गी-झोपड़ी वालों का कब्जा है। नगर निगम उनसे फुटपाथ और एलडीए की जमीन भी खाली नहीं करा सका है। मड़ियांव में सीतापुर रोड की ओर जाने वाले रेलवे ओवरब्रिज के नीचे रेलवे ट्रैक के किनारे बनी अवैध झुग्गियों पर रेलवे से लेकर नगर निगम तक मेहरबान हैं। यही हाल रिंग रोड के किनारे विकास नगर के सेक्टर 12 में देखने को मिलेगा। यहां सरकारी जमीन पर कब्जा कर 200 से ज्यादा झुग्गियां बसाई गई हैं। दो बार नोटिस देने के बाद भी संबंधित विभाग जमीन खाली नहीं करा सका है।



