बरेली, लोकजनता। शहर की प्रमुख समस्याओं में कुत्तों और बंदरों का आतंक शामिल है, लेकिन जल्द ही शहर में बंदरों का आतंक कम हो जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने प्रयास तेज कर दिये हैं. नगर निगम ने करीब 10 हजार बंदरों को पकड़कर पीलीभीत और शाहजहांपुर के जंगलों में छोड़ने की तैयारी की है। इसके लिए दोबारा टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निगम ने ई-टेंडर आमंत्रित किए हैं।
निगम अधिकारियों के मुताबिक चयनित एजेंसी को पकड़े गए और जंगल में छोड़े गए हर बंदर की जीपीएस लोकेशन और फोटो रिपोर्ट उपलब्ध करानी होगी, ताकि कार्रवाई में पारदर्शिता बनी रहे। निगम प्रशासन ने शनिवार से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है जो 12 नवंबर तक चलेगी। इसके बाद तय एजेंसी को काम सौंप दिया जाएगा। नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में नवंबर के अंत तक करीब 1000 बंदरों को पकड़कर पीलीभीत के जंगलों में सुरक्षित छोड़ा जाएगा.
इसके बाद चरणबद्ध तरीके से बचे हुए बंदरों को जंगलों में भेजा जाएगा. इतना ही नहीं, टीमें काम कर रही हैं, इसलिए खाने की कमी न हो, इसके लिए पकड़े गए और जंगलों में छोड़े जाने वाले हर बंदर का सत्यापन जीपीएस फोटो रिपोर्ट से करना होगा। यानी ठेकेदार को छोड़े गए हर बंदर की जियो टैगिंग करनी होगी. इससे यह साफ हो जाएगा कि बंदर को असल में जंगल में छोड़ा गया है, शहर के किसी अन्य इलाके में नहीं. ठेकेदार को यह रिपोर्ट तुरंत मोबाइल ऐप या पोर्टल के जरिए नगर निगम और पशुपालन विभाग को भेजनी होगी। इसके बाद क्रॉस वेरिफिकेशन टीम मौके पर ही रिपोर्ट की पुष्टि करेगी।
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि शहर में बंदरों को पकड़ने के लिए नया टेंडर जारी कर दिया गया है और बंदरों को सुरक्षित जंगलों में छोड़ा जाएगा. बंदरों को छोड़ने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए जियो टैगिंग की जाएगी.



