विधि संवाददाता, बरेली। अपर सत्र न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने अपनी पत्नी की मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगाकर हत्या करने के आरोपी थाना सिरौली ग्राम लीलौर सहसा निवासी मुकेश को मुकदमे में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
सरकारी वकील हेमेंद्र गंगवार ने बताया कि मृतका की मां बेबी ने सिरौली थाने में बताया कि उसने अपनी बेटी मोनी की शादी 20 साल पहले मुकेश से की थी. करीब एक साल पहले लड़की के पति मुकेश ने अपने ससुराल वालों के साथ मिलकर उसकी बेटी को मारपीट कर घर से निकाल दिया था. फिर कुछ दिन बाद सभी लोग उसके घर आये और माफ़ी माँगने लगे और बच्चों के बारे में बात करते हुए वादा किया कि वो मोनी को परेशान नहीं करेंगे।
लड़की को दोबारा भेज दिया गया और कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई. 25 मई 2018 को दोपहर करीब 3 बजे उसके पास फोन आया कि ससुराल वालों ने लड़की को कमरे में बंद कर जान से मारने की नियत से आग लगा दी है. जब लड़की अपने रिश्तेदारों के साथ ससुराल पहुंची तो घर पर कोई नहीं था। एक ग्रामीण ने 100 नंबर पर फोन किया तो पुलिस ने उसकी बेटी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो जाने पर पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर मामले को हत्या में तरमीम कर दिया। मृतक की तीन बेटियां और एक बेटा है। अभियोजन पक्ष ने 9 गवाह पेश किये.



