बरेली, लोकजनता। बहेड़ी तहसील क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शीशगढ़ में संविदा पर तैनात स्टाफ नर्स सुमन लता और एएनएम पूनम देवी अपने फायदे के लिए गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए निजी अस्पताल ले जाती थीं। शिकायत मिलने के बाद चिकित्सा अधीक्षक की जांच में दोनों दोषी पाए गए। डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने स्टाफ नर्स की सेवा समाप्त कर दी और एएनएम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही बंजरिया गांव की आशा मनोरमा देवी की सेवा समाप्त कर दी गई।
डीएम अविनाश सिंह ने 30 अक्टूबर को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कर आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिर की समीक्षा की थी और स्वास्थ्य केंद्रों पर सीएचओ की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. जननी सुरक्षा कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहेड़ी की प्रगति कम पाई गई। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि कुछ आशाएं लाभार्थियों को प्रसव के लिए निजी अस्पतालों में ले जाती हैं।
चिकित्साधीक्षक ने गांव बंजरिया की आशा मनोरमा देवी को निजी अस्पताल में लाभार्थी का प्रसव कराते हुए पकड़ लिया था। जिस पर डीएम ने आशा की सेवा समाप्ति के निर्देश जारी कर दिए। सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शीशगढ़ पर संविदा पर तैनात स्टाफ नर्स सुमन लता और एएनएम पूनम देवी की शिकायत मिली थी। जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया. कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी, जिसमें सुमनलता और पूनम देवी को दोषी पाया गया. मामला जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष रखा गया. समिति ने सुमनलता की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया, जबकि एएनएम पूनम देवी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी.



