बरेली, लोकजनता। मेथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज में आयोजित कैंसर जागरूकता कार्यक्रम के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंकिता पांडे ने कहा कि आजकल हर वर्ग हर समय सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता है। महिलाएं इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कैंसर के बारे में खुलकर बात कर रही हैं, लेकिन किशोर लड़कियां घर पर इस बारे में बात करने में झिझक क्यों महसूस कर रही हैं। यही झिझक भविष्य में कैंसर से मौत का कारण बनती है।
डॉ. अंकिता ने बताया कि पहले लोग कम बीमार पड़ते थे क्योंकि हर आयु वर्ग के लोग घरों से बाहर निकलते थे और खेल सहित अन्य गतिविधियों में भाग लेते थे। इससे उनकी इम्यूनिटी भी मजबूत बनी रही. सोशल मीडिया के जमाने में लोग अपने घरों में कैद होते जा रहे हैं. ऐसे में वह तरह-तरह की बीमारियों से घिरते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लड़कियां सिर्फ कुछ मिनटों तक स्वयं स्तन परीक्षण कर कैंसर से खुद को बचा सकती हैं। अगर आपको कोई परेशानी महसूस हो तो चुप न रहें, अपने परिवार को खुलकर बताएं, अगर सही समय पर कैंसर की पहचान हो जाए तो इसके खतरे से बचा जा सकता है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद छात्राओं को अपने साथ-साथ अपनी बहन, मां और घर के अन्य लोगों को स्तन कैंसर से बचाव के बारे में जागरूक करने का संकल्प लिया। कहा कि इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य तभी सार्थक होगा जब छात्राएं आज से ही स्तन कैंसर के बारे में बात करना शुरू करेंगी। ऐसा करने से महिलाओं का भविष्य सुरक्षित और स्वस्थ रहेगा। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज प्राचार्या सुनीला मैसी ने डॉ. अंकिता का आभार व्यक्त किया।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीका लगवाएं
डॉ. अंकिता ने विद्यार्थियों को बताया कि महिलाओं को स्तन कैंसर के साथ-साथ सर्वाइकल कैंसर का खतरा भी सबसे ज्यादा होता है। इसके लिए अब एचपीवी वैक्सीन आ गई है जो सर्वाइकल कैंसर को रोकने में काफी कारगर है। बताया कि यह टीका 9 से 45 वर्ष की आयु के पुरुषों और महिलाओं को दिया जा सकता है, लेकिन सबसे अच्छा समय 11 या 12 वर्ष की आयु है।


 
                                    


