गोंडा। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने शुक्रवार को कहा कि फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर सात भारतीय राज्यों के पीड़ितों से विदेश से की गई 1000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।
सोशल मीडिया पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए गए इंटरव्यू में कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि फॉरेक्स ट्रेडिंग घोटाले के मामले में उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल समेत अन्य राज्यों में ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी लविश चौधरी उर्फ नवाब के नेटवर्क से जुड़े लोगों की कड़ी जांच कर संबंधित जांच और सुरक्षा एजेंसियों से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री ने कहा कि जांच एजेंसियों के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि इस मामले में संदिग्धों की आय का स्रोत क्या है और उनका पैसा कहां से आ रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा, “हम इसकी तह तक जाएंगे। जब इस पूरे मामले की दिल्ली से जांच होगी तो मामले के हर तथ्य और हर बिंदु की जांच की जाएगी।” कीर्ति वर्धन सिंह ने दृढ़ता से कहा, “हम इस पूरे मामले में लगे हुए हैं और कड़ी कार्रवाई करेंगे. हम गोंडा को ठगों और लुटेरों का अड्डा नहीं बनने देंगे.”
इस बीच, देवीपाटन मंडल में बैठे शख्स की पहचान अभी तक सामने नहीं आई है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि वह कहां का रहने वाला है. अभी तक कुछ ही नाम सामने आए हैं, जिनको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. दरअसल, कई पीड़ितों ने महाराष्ट्र के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में OctaFX प्लेटफॉर्म के खिलाफ शिकायत की थी।
कहा गया कि इस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ने ऊंचे रिटर्न का वादा कर निवेशकों के साथ बड़ी धोखाधड़ी की है. इस धोखाधड़ी में कई निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई गंवा दी. इस हाई प्रोफाइल मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत देश के सात राज्यों के हजारों निवेशकों को चूना लगाकर अरबों रुपये की काली कमाई करने वाले फॉरेक्स ट्रेडिंग घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है.
इस घोटाले के मुख्य एजेंटों में से एक हरिंदर पाल सिंह को ईडी ने चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया है. स्पेशल पीएमएलए कोर्ट चंडीगढ़ ने आरोपी को 9 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया. यह मामला क्यूएफएक्स, वाईएफएक्स और बॉटब्रो जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से किए गए एक बड़े निवेश धोखाधड़ी से संबंधित है। ईडी ने हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी.
इन मामलों में आरोप यह था कि क्यूएफएक्स समूह की कंपनियों और उनके एजेंटों ने लोगों को हर महीने निश्चित मुनाफे का लालच देकर हजारों निवेशकों से अरबों रुपये की धोखाधड़ी की। जांच में पता चला है कि इस सिंडिकेट का मास्टरमाइंड नवाब उर्फ लवीश चौधरी है. वह फिलहाल दुबई से अपना नेटवर्क चला रहा है। इस गिरोह ने 5 से 6 प्रतिशत मासिक रिटर्न का वादा करके देश भर से करोड़ों रुपये जुटाए और अवैध जमा योजनाओं के माध्यम से निवेशकों को धोखा दिया।
ईडी की जांच में यह भी पता चला कि धन जुटाने के लिए भारत में एजेंटों का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित किया गया था। जुटाए गए पैसे को पैसे की असली पहचान छिपाने के लिए विभिन्न शेल कंपनियों और पेमेंट गेटवे के माध्यम से डायवर्ट किया गया था। इतना ही नहीं, निवेशकों को लगातार भ्रमित करने के लिए हर कुछ महीनों में प्लेटफॉर्म बदले जाते थे ताकि और लोगों को फंसाया जा सके.
ईडी के अनुसार, हरिंदर पाल सिंह “सिंह ब्रदर्स टीम” का प्रमुख था और भारत में एजेंट नेटवर्क और दुबई स्थित मास्टरमाइंड के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी था। इसी सक्रिय भूमिका के चलते ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है. इससे पहले ईडी ने 11 फरवरी 2025 और 4 जुलाई 2025 को पीएमएलए की धारा 17 के तहत देशभर में छापेमारी की थी. इन कार्रवाइयों में अब तक 400 करोड़ रुपये का काला धन जब्त और कुर्क किया जा चुका है.


 
                                    


