फूड प्रोसेसिंग हब: रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात के मेहसाणा और बनासकांठा की तरह उत्तर प्रदेश के आगरा और फर्रुखाबाद जिलों में भी आधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं. इन इकाइयों के पास कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, कोल्ड स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का मजबूत आधार है, जिससे किसानों को अपने उत्पादों के लिए बेहतर कीमत और स्थायी बाजार मिल रहा है।
हर जिले में 1,000 नई प्रोसेसिंग यूनिट का लक्ष्य
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 65,000 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ कार्यरत हैं, जिनसे 2.55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। सरकार का लक्ष्य हर जिले में 1,000 नई इकाइयां स्थापित करने का है। इससे खेती से जुड़ी आय बढ़ने और ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद है.
यूपी में 15 से अधिक एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग पार्क
प्रदेश में अब तक 15 से अधिक एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग पार्क विकसित किये जा चुके हैं। बरेली, बाराबंकी, वाराणसी और गोरखपुर जैसे जिलों में ये पार्क स्थानीय उद्योग को नई दिशा दे रहे हैं। बीएल एग्रो द्वारा 1,660 करोड़ रुपये की लागत से बरेली में स्थापित किया जाने वाला इंटीग्रेटेड एग्रो प्रोसेसिंग हब इस क्षेत्र की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है।
रिसर्च और एक्सपोर्ट पर खास फोकस
सरकार का फोकस अब फल-सब्जी प्रसंस्करण और निर्यातोन्मुख उद्योगों पर है। आगरा में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने की योजना है, जहां आलू और अन्य कंद फसलों पर उच्च स्तरीय शोध किया जाएगा। इसका सीधा फायदा कानपुर, फर्रुखाबाद और लखनऊ जैसे प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों को होगा। भारत के प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की मांग अमेरिका, बांग्लादेश, यूएई और वियतनाम जैसे देशों में बढ़ रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत का उपभोक्ता खर्च 2030 तक 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए निवेश और निर्यात के अवसरों में जबरदस्त वृद्धि की संभावना है।
नीति को नई गति मिल रही है
यूपी सरकार की ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023’ इस क्षेत्र के विस्तार में प्रमुख भूमिका निभा रही है। इसके तहत अब तक 19 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। नीति में उद्यमियों को उत्पादन आधारित सब्सिडी, ब्याज छूट, स्टांप शुल्क में छूट और तकनीकी उन्नयन प्रोत्साहन जैसी रियायतें दी जा रही हैं।
यूपी कृषि से उद्योग की ओर बढ़ रहा है
राज्य में कच्चे माल की स्थानीय उपलब्धता, कम उत्पादन लागत और प्रशिक्षित मानव संसाधन जैसी विशेषताओं के कारण उत्तर प्रदेश आज देश के सबसे आकर्षक निवेश स्थलों में से एक बन गया है। योगी सरकार की यह पहल न केवल किसानों को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही है, बल्कि उत्तर प्रदेश को ‘कृषि से उद्योग’ तक के परिवर्तन मॉडल के रूप में स्थापित कर रही है, जहां खेत से लेकर कारखाने तक हर स्तर पर विकास की एक नई कहानी लिखी जा रही है।



