पीलीभीत, अमृत विचार। अधिकारियों ने धान खरीद का निरीक्षण कर हकीकत परखी। जैसे ही पीसीयू मंडी समिति पीलीभीत में स्थापित चार क्रय केंद्रों पर पहुंची तो अनियमितताएं सामने आईं और अधिकारियों ने जमकर फटकार लगाई। क्रय केंद्र प्रभारी बिना किसानों व कागजात के ही धान की तौल कर रहे थे। संदेह की स्थिति उत्पन्न होने पर एफआईआर की चेतावनी दी गई। हालांकि, कुछ देर बाद जब एक किसान पहुंचा तो पता चला कि यह उसका धान है. डिप्टी आरएमओ ने पीयूयू के जिला प्रबंधक को चारों क्रय केंद्रों पर पहुंचकर व्यवस्था दुरुस्त कराने और स्टॉक की जांच कराने का निर्देश दिया। इसकी रिपोर्ट भी मांगी गई है।
मंगलवार सुबह डिप्टी आरएमओ वीके शुक्ला, मंडी सचिव प्रवीण कुमार अवस्थी टीम के साथ क्रय केंद्रों का निरीक्षण करने पहुंचे। एक क्रय केंद्र पर धान की तौल बंद थी और केंद्र प्रभारी गायब थे। मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि सुबह एक ट्राली धान की तौल हो चुकी है। क्रय केंद्र प्रभारी कुछ देर पहले ही किसी काम से बाहर गए थे। इस पर अधिकारियों ने कड़ी नाराजगी जताई। खराब मौसम का हवाला देते हुए शीघ्र धान तौल कराने का निर्देश दिया गया। तभी कुछ देर बाद क्रय केंद्र प्रभारी भी आ गए और वाहन संबंधी कार्य के लिए जाने को कहा।
इस पर उन्हें दोबारा लापरवाही न बरतने की चेतावनी दी गई। एक अन्य क्रय केंद्र पर तौल के दौरान लापरवाही मिलने पर फटकार लगाई। इसके बाद अधिकारी टिनशेड नंबर चार पर पहुंचे। इधर, पीसीयू केंद्र संख्या 11 पर धान की तौल चल रही थी, लेकिन यहां कोई किसान मौजूद नहीं था. जब केंद्र प्रभारी से धान से संबंधित दस्तावेज मांगे गए तो उनके पास भी नहीं थे। ऐसे में बिचौलिया होने का शक भी गहरा गया. जिसके बाद उन्होंने फटकार लगाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी. हालांकि, बाद में एक किसान पहुंचे और कागजात दिखाकर अपना धान बताया। बगल के पीसीयू क्रय केंद्र संख्या आठ और नौ पर भी गड़बड़ी मिली। यहां बैगों पर मोहर नहीं लगाई जा रही थी। इसके क्रय केंद्र प्रभारी को चेतावनी भी दी गई। स्टॉक की जांच करते हुए रिपोर्ट मांगी गई है।
मंडी सचिव भी दिखे सख्त, अधूरे रिकार्ड पर लगाई फटकार
क्रय केंद्र पर बिना किसान व कागजात के धान तौल कराने पर डिप्टी आरएमओ पीसीयू के केंद्र प्रभारी को फटकार लगा रहे थे। गड़बड़ी मिली तो तत्कालीन मंडी सचिव प्रवीण कुमार अवस्थी ने क्रय केंद्र का एंट्री रजिस्टर चेक किया। इसमें भी सबकुछ आधा-अधूरा निकला। यह देखकर वह भी दंग रह गए और फिर कड़ी नाराजगी जताई। शासन की मंशा के अनुरूप धान खरीद कर अभिलेख दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए।



