लखनऊ, अमृत विचार: दिवाली पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं. कन्या राशि में चंद्रमा, हस्त नक्षत्र, कन्या राशि में शुक्र और चंद्रमा, उच्च राशि कर्क में बृहस्पति, यह संयोजन अत्यंत शुभ और धन और समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है।
दिवाली पूजा विधि और उपाय: शाम के समय शुभ लग्न में भगवान गणेश, मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें। स्थापना के लिए शुभ वस्तुएं: दक्षिणावर्ती शंख, श्रीयंत्र, गोमती चक्र, हल्दी की गांठ, सफेद नारियल, लघु नारियल (श्रीफल) ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि धन वृद्धि के लिए मंत्र, लक्ष्मी कुबेर मंत्र, लक्ष्मी श्रीसूक्त, कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
लक्ष्मी पूजा-शुभ समय
सर्वोत्तम समय
वृषभ लग्न 07:08 बजे – 09:03 बजे घर में लक्ष्मी पूजन का शुभ समय।
महानिशीथ काल रात्रि 11:26 बजे से रात्रि 12:16 बजे तक
काली पूजा एवं तंत्र साधना सर्वोत्तम
सिंह लग्न – रात्रि 01:26 बजे – 03:41 बजे (21 अक्टूबर) साधना और सिद्धि के लिए उपयोगी
गोवर्धन पूजा – बुधवार की सुबह श्री कृष्ण, गाय और बैल की पूजा करें। विभिन्न व्यंजनों का भोग लगाएं. राजा बलि और भगवान विष्णु की पूजा करें।
समय विवरण
प्रातः 06:10 बजे – 08:26 गोवर्धन पूजा सर्वोत्तम समय
शाम 03:15 – 05:31 अन्नकूट शुभ मुहूर्त
भाई दूज और चित्रगुप्त पूजन – 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार)
विशेष महत्व: भाई दूज भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है। इसके साथ ही इस दिन चित्रगुप्त पूजा भी होती है। कायस्थ समुदाय द्वारा कुल देवता की पूजा की जाती है।
धार्मिक परंपराएँ: बहन भाई को तिलक लगाती है, उसे खाना खिलाती है, भाई उपहार देता है।
भाई दूज तिलक मुहूर्त: दोपहर 01:13 बजे – दोपहर 03:28 बजे तक
दिनांक विवरण (संक्षेप में):
त्योहार की तारीख की सुविधा
दिवाली 20 अक्टूबर लक्ष्मी पूजा, महाकाली पूजा
गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर अन्नकूट महोत्सव, श्री कृष्ण पूजा
23 अक्टूबर को भाई दूज/चित्रगुप्त पूजा, तिलक, भाई-बहन का त्योहार, कायस्थ पूजा – पूजा के लिए वृषभ और सिंह लग्न सर्वोत्तम मानी जाती है।
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