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Saturday, November 22, 2025
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धार्मिक आयोजन के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार, एसटीएफ की आगरा यूनिट की टीम ने किया गिरोह का पर्दाफाश

लखनऊ, लोकजनता: धार्मिक आयोजन के नाम पर महिलाओं व अन्य लोगों को संगठन से जोड़कर साइबर ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को एसटीएफ की आगरा इकाई ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के सरगना की तलाश जारी है। आरोपियों के पास से दो कारें, महिला स्वास्थ्य मिशन ट्रस्ट के नाम की रसीदें, कई क्रेडिट और डेबिट कार्ड और 10,000 रुपये नकद बरामद किए गए हैं।

एसटीएफ एएसपी राकेश के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी रवि प्रकाश मूल रूप से देवरिया के खुखुंदू थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव का रहने वाला है. उसे आगरा के जगदीशपुरा थाना क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-6 स्थित महाजन कॉम्प्लेक्स से पकड़ा गया. गिरोह का सरगना अजय उर्फ ​​बिल्लू मैनपुरी थाना क्षेत्र के नवीन मंडी स्थित गिहार कॉलोनी का रहने वाला है, जिसके खिलाफ पहले से ही कई मुकदमे दर्ज हैं।

एसटीएफ इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा के मुताबिक, रवि ने महिला स्वास्थ्य मिशन ट्रस्ट बनाया था। इसकी आड़ में वह धार्मिक आयोजन करता था और गरीब महिलाओं व लोगों को सदस्य बनाता था। मेंबरशिप और आईडी कार्ड के नाम पर 50 से 100 रुपये वसूलते थे। इसके बाद वह लालच देता था कि ट्रस्ट के पास बड़ी रकम आएगी, जो सदस्यों के खातों में जाएगी। इस बहाने वह बैंक खाते, चेकबुक और हस्ताक्षर एकत्र कर लेता था। इसके अलावा वह सदस्यों के नाम पर सिम लेकर एटीएम कार्ड भी जारी करवाता था। गिरोह इन खातों से साइबर ठगी की रकम निकाल लेता था।

गिरोह ने आवास विकास कॉलोनी के ललित गर्ग और सतीश चंद्र सिंघल को भी इसी तरह जाल में फंसाया। ललित गर्ग के खाते में संदिग्ध रूप से बड़ी रकम जमा होने के बाद उनका खाता सीज कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत एसटीएफ से की थी. जांच में गिरोह का खुलासा हुआ। सरगना अजय को मैनपुरी से हिरासत में लिया गया है, जबकि गिरोह का एक अन्य सदस्य एलिस निवासी पुनित अपार्टमेंट, जयपुर हाउस अभी भी फरार है।

टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर बातचीत होती थी

पूछताछ में रवि ने बताया कि गिरोह के सदस्य व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए ही एक दूसरे से संपर्क करते थे. वे धार्मिक आयोजनों और महिला स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रमों के दौरान गरीब लोगों के मोबाइल नंबर और बैंक खाते का विवरण प्राप्त करते थे। इन खातों में अलग-अलग जगहों से साइबर ठगी का पैसा जमा किया जाता था. नकद पैसा रवि के पास गया, जबकि ऑनलाइन हिस्सेदारी अजय और ऐलिस के पास गई।

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