लखनऊ, लोकजनता: कार्तिक शुक्लपक्ष की एकादशी 1 नवंबर को मनाई जाएगी। इसे देवोत्थानी और प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि एक नवंबर को सुबह 9:11 बजे से 2 नवंबर को सुबह 7:31 बजे तक एकादशी रहेगी। 1 नवंबर को उदयातिथि के अनुसार व्रत और पूजन किया जाएगा। इसके साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
देवोत्थानी एकादशी पर चातुर्मास समाप्त हो जाएगा। क्षीर सागर में सोए हुए देव भगवान विष्णु जाग उठे। भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा की जाती है। 2 नवंबर को तुलसी-शालिग्राम विवाह होगा. देवोत्थानी व्रत रखने वाली महिलाएं सुबह स्नान करने के बाद आंगन में कलात्मक रूप से भगवान विष्णु के चरणों का चिह्न बनाती हैं। तुलसी विवाह उत्सव भी प्रारम्भ हो जाता है। अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। एकादशी के दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति के घर में शुभता आती है।
देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को है, लेकिन तुला संक्रांति दोष 16 नवंबर तक रहेगा। विवाह का शुभ मुहूर्त 21 नवंबर से 6 दिसंबर तक है। विवाह मुहूर्त में गुरु और शुक्र अस्त का भी विचार किया जाता है। 12 दिसंबर 2025 को शुक्र 52 दिनों के लिए अस्त हो जाएंगे, फिर 1 फरवरी 2026 को उदय होंगे। 16 दिसंबर से सूर्य की धनु संक्रांति के कारण एक महीने का खरमास शुरू हो जाएगा, इसमें भी विवाह आदि का आयोजन नहीं किया जाता है। इसके बाद 5 फरवरी 2026 के बाद विवाह आदि होंगे।
इस साल 11, अगले साल 54 विवाह मुहूर्त
साल 2025 में विवाह के लिए 11 शुभ मुहूर्त हैं। नवंबर माह में 21, 22, 23, 24, 25, 26, 30 और दिसंबर में 1, 4, 5 और 6 तारीख को विवाह के शुभ मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद वर्ष 2026 में 5, 6, 8, 10, 12, 14, 19, 20, 21 फरवरी, 7, 8, 9, 11, 12 मार्च, 15, 20, 21, 25, 26, 27, 28, 27, 28, 29 अप्रैल, 1, 3, 5, 6, विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 7, 8, 13, 14 मई, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29 जून और 1, 6, 7, 11, 12 जुलाई हैं। अगले साल चातुर्मास के बाद 21, 24, 25, 26 नवंबर और 2, 3, 4, 5, 6 दिसंबर को विवाह मुहूर्त रहेंगे।
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