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Tuesday, October 21, 2025
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दिवाली पर सजा श्री काशी विश्वनाथ धाम…सुगंधित फूलों और रोशनी से जगमगा उठा दरबार.

वाराणसी. वाराणसी में दिवाली की तैयारियां शुरू हो गई हैं और इस सिलसिले में बाबा श्री काशी विश्वनाथ धाम को सुगंधित फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि इस बार छह दिवसीय दीप ज्योति महोत्सव में परिसर में कई क्विंटल सुगंधित फूलों की खुशबू के बीच बिजली की रोशनी की चमक भक्तों को अद्वितीय, अलौकिक और आध्यात्मिक अनुभव देगी.

उन्होंने बताया कि बाबा को प्रिय कई तरह के रंग-बिरंगे और सुगंधित फूलों से धाम परिसर को सजाया गया है. छह दिनों तक दरबार में विभिन्न धार्मिक-सांस्कृतिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जायेगा. मिश्र ने बताया कि धनतेरस के दिन से ही बाबा धाम स्थित मां अन्नपूर्णा के दरबार को भव्य रूप दिया गया है. दिवाली के दिन बाबा परिसर को दीपों से रोशन किया जाएगा और उसी दिन मंदिर चौक पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा.

मिश्र ने यह भी बताया कि अन्नकूट महोत्सव पर 56 भोग में 14 क्विंटल मिठाइयां और अन्य व्यंजन चढ़ाये जायेंगे. इसके लिए कई तरह की मिठाइयां जैसे अलग-अलग तरह के लड्डू और नमकीन, मठरी आदि मंदिर प्रशासन खुद बनाएगा, जबकि अन्य मिठाइयां भी काशी की विश्वसनीय दुकानों से खरीदी जाएंगी. मेयर अशोक तिवारी ने बताया कि आगामी दिवाली, छठ पूजा और देव दिवाली के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का सर्वेक्षण करने के उद्देश्य से अस्सी घाट से राजघाट तक निरीक्षण किया गया.

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा एवं प्रशासन से संबंधित सभी तैयारियां समय पर पूरी करने का निर्देश दिया ताकि श्रद्धालुओं एवं आगंतुकों को उत्सव के माहौल की सहजता एवं सुंदरता का अनुभव हो सके। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दौरान ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की इजाजत दे दी है.

बोर्ड ने आदेश दिया है कि 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति होगी. इसके अलावा ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल का समय शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक होगा. ग्रीन पटाखे ऐसे पटाखे हैं जो सामान्य पटाखों की तुलना में पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं। इनमें एल्यूमीनियम, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर जैसे हानिकारक रसायन या तो बहुत कम या बिल्कुल नहीं होते हैं।

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