स्टीफन किंग के डरावने उपन्यास ‘इट’ ने पाठकों और दर्शकों के मन में ऐसा डर पैदा किया कि दशकों बाद भी यह कम नहीं हुआ। इस उपन्यास का मुख्य खलनायक ‘पेनीवाइज़’ डरावनी दुनिया का सबसे डरावना चेहरा बन गया है। हालाँकि ‘पेनीवाइज़’ पूरी तरह से एक काल्पनिक चरित्र है, लेकिन इसकी जड़ें वास्तविक अपराधों और सामाजिक भयावहता में हैं, जिन्होंने अमेरिका को हिलाकर रख दिया था।
इस तरह ‘इट’ की पृष्ठभूमि तैयार हुई
स्टीफ़न किंग ने कभी भी सीधे तौर पर स्वीकार नहीं किया कि पेनीवाइज़ एक वास्तविक व्यक्ति पर आधारित थी, लेकिन उन्होंने कहा कि वह बच्चों के “अंधेरे और अनकहे डर” को पकड़ना चाहते थे। 1980 के दशक में अमेरिका में बच्चों के अपहरण और हत्या की घटनाओं में वृद्धि ने माता-पिता और समाज दोनों के मन में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी थी। यही सामाजिक भय ‘इट’ की पृष्ठभूमि बना।
किंग का मानना था कि बच्चों की दुनिया में जोकर एक ऐसा किरदार है, जिसके चेहरे पर तो मुस्कान है, लेकिन उसकी असली भावनाएं छिपी रहती हैं। यही विरोधाभास भय पैदा करता है। इसी आधार पर पेनीवाइज जैसे राक्षसी विदूषक का जन्म हुआ, जो मासूमियत का मुखौटा पहनकर डर का खेल खेलता है।
जोकरों का डर: एक मनोवैज्ञानिक सत्य
जोकरों के डर को ‘कूल्रोफोबिया’ कहा जाता है। चमकदार मेकअप, अतिरंजित मुस्कान और छिपा हुआ चेहरा लोगों के लिए जोकर की वास्तविक प्रकृति को समझना मुश्किल बना देता है। यही अनिश्चितता भय का कारण बन जाती है। ‘पेनीवाइज़’ इसी मनोवैज्ञानिक कमज़ोरी का फ़ायदा उठाता है और बच्चों को उनके ही डर में फँसा देता है।
जॉन वेन गेसी: द रियल वर्ल्ड का “किलर क्लाउन”
‘पेनीवाइज़’ का विचार भले ही काल्पनिक हो, लेकिन ‘किलर क्लाउन’ की वास्तविक कहानी जॉन वेन गेसी से मिलती-जुलती है। गेसी ‘पोगो द क्लाउन’ के नाम से पार्टियों में बच्चों का मनोरंजन करता था, लेकिन बाद में वह 33 किशोरों और युवा वयस्कों का कुख्यात हत्यारा बन गया। उनके अपराधों के उजागर होने के बाद समाज में जोकरों को लेकर एक नया डर पैदा हुआ, जिसने डरावनी कहानियों को एक नया आयाम दिया।
पेनीवाइज़: द शेप-चेंजिंग टेरर
‘पेनीवाइज़’ वास्तव में अंतरआयामी दुष्ट इकाई “इट” का अवतार है, जो बच्चों के डर को पोषित करने की अपनी शक्ति मानता है। यह बच्चों को उनके सबसे बड़े डर से रूबरू कराने के लिए हर 27 साल में लौटता है। यही कारण है कि यह किरदार सिर्फ जोकर नहीं बल्कि डर का प्रतीक बन गया है।



