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Friday, October 24, 2025
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छठ 2025 आरंभ तिथि: कल से शुरू होगा छठ पर्व, यहां जानें नहाय खाए से लेकर उषा अर्घ्य तक की सही तारीख।


छठ 2025 आरंभ तिथि, छठ पूजा कब है: साल 2025 का लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा शुरू होने वाला है। इस साल छठ पर्व 25 अक्टूबर, शनिवार से शुरू होगा और 28 अक्टूबर, मंगलवार को समाप्त होगा। यह चार दिनों तक चलने वाला एक पवित्र अनुष्ठान है, जिसमें भक्त पूरी श्रद्धा और नियम के साथ सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं।

दिन 1 – नहाय-खाय (25 अक्टूबर 2025)

छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इस दिन घर की अच्छी तरह से सफाई की जाती है। भक्त स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हैं और सात्विक भोजन करते हैं। इस दिन चने की दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद बनाया जाता है. छठ का पावन पर्व नहाय-खाय से शुरू होता है.

दिन 2 – खरना (26 अक्टूबर 2025)

दूसरे दिन को खरना या लोहंडा कहा जाता है. इस दिन भक्त पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं। शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर, रोटी और केले का प्रसाद बनाया जाता है. यह वह प्रसाद है जिसे भक्त सूर्य देव की पूजा के बाद ग्रहण करते हैं। इसके बाद 36 घंटे का कठोर निर्जला व्रत शुरू होता है, जिसे उषा अर्घ्य के बाद ही तोड़ा जाता है।

तीसरा दिन – सायंकालीन अर्घ्य (27 अक्टूबर 2025)

इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। भक्त घाटों पर जाते हैं और जल, दूध और प्रसाद से सूर्य देव की पूजा करते हैं। इस अवसर पर प्रसाद के रूप में ठेकुआ, फल और गुड़ की मिठाईयां चढ़ाई जाती हैं. पूरा वातावरण भक्ति और गीतों से गूंज उठता है।

चौथा दिन – उषा अर्घ्य (28 अक्टूबर 2025)

छठ पूजा का आखिरी दिन उषा अर्घ्य है। इस दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और छठी मैया से सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्रार्थना की जाती है। इस साल उषा अर्घ्य सुबह 6:30 बजे होगा. इसके बाद व्रती दूध और प्रसाद खाकर व्रत का समापन करते हैं।

छठ पूजा का महत्व

दिवाली के बाद आने वाला यह त्योहार छठ पूजा सूर्य देव की पूजा का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि छठ व्रत करने से घर में सुख, शांति, सौभाग्य और समृद्धि आती है और छठी मैया पूरे साल अपनी कृपा बरसाती रहती हैं।

यह भी पढ़ें: छठ पूजा पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, सूर्य को अर्घ्य देने से मिलेगा ये लाभ

छठ पूजा बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश का एक लोकप्रिय त्योहार है।

छठ पूजा बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में एक बहुत ही खास और लोकप्रिय त्योहार है। यह लोक आस्था का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। इस त्योहार में पुरुष और महिलाएं दोनों व्रत रखते हैं और सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं। घाटों पर, भक्त गीत गाते हैं और डूबते और उगते सूरज को अर्घ्य देते हैं। पूरा वातावरण भक्ति, संगीत और आनंद से भर जाता है। छठ पूजा न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ी है, बल्कि यह स्वच्छता, अनुशासन और सामूहिक एकता का भी प्रतीक है। इसीलिए यह त्यौहार पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

छठ व्रत कब है?

साल 2025 में छठ व्रत 25 अक्टूबर से शुरू होगा और 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होगा।

छठ क्यों मनाया जाता है?

छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की आराधना के लिए की जाती है ताकि सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सके।

छठ माता कौन थीं?

छठ माता को सूर्य देव की बहन माना जाता है, जिन्हें संतान की रक्षा और सुख देने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।

छठ के देवता कौन हैं?

छठ के मुख्य देवता भगवान सूर्य हैं, जिन्हें जीवन और ऊर्जा के स्रोत के रूप में पूजा जाता है।

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