छठ पूजा 2025: मुख्यमंत्री रविवार को गोमती तट स्थित लक्ष्मण मेला मैदान में आयोजित छठ पूजा महोत्सव में शामिल हुए. कार्यक्रम में आये हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने भोजपुरी में शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा- “छठ मैया की कृपा सभी पर बनी रहे, सभी के परिवार में सुख, समृद्धि और खुशहाली रहे। छठ मैया सभी की मनोकामनाएं पूरी करें।” मुख्यमंत्री के इस संबोधन पर श्रद्धालुओं ने जयकारे लगाये. सीएम योगी ने कहा कि छठ मैया की पूजा में निहित संयम, प्रकृति के प्रति श्रद्धा और लोक कल्याण की भावना उत्तर भारत की सांस्कृतिक पहचान बन गई है। उन्होंने कहा कि यह पर्व न केवल सूर्य उपासना का माध्यम है, बल्कि जीवन में संतुलन और संयम बरतने का भी प्रतीक है।
-गोमती को निर्मल और अविरल बनाने का संकल्प लें
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि अब लखनऊ की कोई भी ड्रेनेज या सीवर लाइन गोमती में नहीं गिरेगी। उन्होंने घोषणा की कि “पीलीभीत से लेकर ग़ाज़ीपुर तक गोमती को स्वच्छ और अविरल बनाने का लक्ष्य रखा गया है।” सीएम ने कहा कि पिछले एक महीने से नगर निगम, सिंचाई विभाग और स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर गोमती तटों की सफाई और जल शुद्धिकरण पर विशेष काम किया है. उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि “जल ही जीवन है। अगर अर्घ्य के जल में शुद्धता नहीं होगी तो आस्था अधूरी रहेगी। छठी मैया की पूजा के साथ-साथ जल संरक्षण और स्वच्छता का भी संकल्प लें।”
“स्वच्छता केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है”
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाया गया स्वच्छ भारत अभियान अब सिर्फ सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि जन आंदोलन बन गया है. उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करें और कूड़ा-कचरा नदी-नालों में न फेंके। “किसी भी देश का विकास तभी संभव है जब उसके नागरिक राष्ट्रीय कर्तव्य से जुड़े हों। स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक – ये आत्मनिर्भर भारत के तीन आधार हैं।”
छठ पर्व: नारी शक्ति, लोक आस्था और पर्यावरण संरक्षण का संगम
सीएम योगी ने कहा कि छठ का पर्व भारतीय महिलाओं की अपार शक्ति और त्याग का ज्वलंत उदाहरण है. चार दिनों की कठिन साधना न केवल व्यक्तिगत व्रत है बल्कि परिवार और समाज के कल्याण के लिए भी व्रत है। उन्होंने कहा कि यह त्योहार हमें “प्रकृति के साथ सामंजस्य” सिखाता है और सूर्य की पूजा के माध्यम से ऊर्जा के स्रोत के प्रति आभार व्यक्त करता है। उन्होंने बताया कि आज छठ का दायरा केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों में भी लाखों श्रद्धालु इसे पूरी श्रद्धा के साथ मना रहे हैं. यह अपने आप में एक “सांस्कृतिक पुनर्जागरण” है जो भारतीय समाज को एकजुट कर रहा है।
कार्यक्रम में उमड़ी भीड़, छठ गीतों से गूंजा माहौल
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने भोजपुरिया संदेश स्मारिका का विमोचन किया और लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत छठ गीतों का आनंद लिया. पूरे परिसर में लोकगीतों की मधुर धुन, दीये की लौ और श्रद्धालुओं की आस्था ने माहौल को आध्यात्मिक बना दिया. मुख्यमंत्री ने आयोजन समिति, नगर निगम और स्वयंसेवी संस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि जिस अनुशासन और शुचिता के साथ यह आयोजन किया गया, वह उत्तर प्रदेश की बदलती लोक संस्कृति का परिचायक है।
स्वच्छ नदी तट और स्वच्छ आयोजन ही सच्ची आस्था है।
सीएम योगी ने श्रद्धालुओं से छठ पूजा के बाद घाटों पर साफ-सफाई बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, “छठ मैया की पूजा केवल सूर्य अर्घ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें हमारी जिम्मेदारी की भी याद दिलाती है। स्वच्छता ही भगवान की सेवा है।”
कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य लोग
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मेयर सुषमा खर्कवाल, अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय, मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री सचिव सुरेश रामबरन सहित कई जन प्रतिनिधि, अधिकारी एवं श्रद्धालु उपस्थित थे.



