नई दिल्ली/लखनऊ: आज छठ महापर्व का चौथा और आखिरी दिन है. देशभर में व्रती महिलाओं ने सुबह उगते सूर्य को ‘उषा अर्घ्य’ देकर अपना 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत समाप्त किया। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर बिहार, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक छठ घाटों पर श्रद्धा और उत्साह की लहर देखी गई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर छठ के समापन की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा, “आज भगवान सूर्य को प्रात:कालीन अर्घ्य के साथ महापर्व छठ का शुभ समापन हो गया। इस चार दिवसीय अनुष्ठान के दौरान छठ पूजा की हमारी भव्य परंपरा का दिव्य दर्शन हुआ। इस पावन पर्व का हिस्सा बनने वाले सभी श्रद्धालुओं और उनके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई। छठ मैया की असीम कृपा से आप सभी का जीवन सदैव आलोकित रहे।”

लखनऊ में घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
लखनऊ के गोमती घाट, कुड़िया घाट समेत अन्य स्थानों पर महिलाएं रात भर पानी में खड़ी रहीं। सुबह सूर्य की पहली किरण दिखते ही महिलाएं ठेकुआ, फल और दूध से भरे सूप लेकर सूर्य देव को अर्घ्य देने लगीं।

बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी में त्योहार का उत्साह साफ नजर आ रहा था। प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये थे, जिसमें पुलिस बल और गोताखोर तैनात किये गये थे.

देश के अन्य शहरों में भी यही नजारा है
-अयोध्या: राम की नगरी में सरयू तट पर सैकड़ों महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सूर्य को अर्घ्य दिया. परिवार की सुख-समृद्धि की कामना के साथ व्रत खोला गया।

-नोएडा: सेक्टर 62 और यमुना घाट पर बड़ी संख्या में प्रवासी बिहारी समुदाय ने छठ मनाया. कृत्रिम घाटों पर भी उत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ।

– वाराणसी: गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गईं. उगते सूरज की लालिमा में डूबे घाटों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

– दिल्ली: यमुना घाट और आईटीओ पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटे. दिल्ली सरकार ने विशेष बसें और सफाई व्यवस्था की थी.

-पटना (बिहार): गंगा के किनारे 50 से अधिक घाटों पर लाखों लोगों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी घाटों का दौरा किया.

उषा अर्घ्य क्या है?
छठ पूजा के चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को दिया जाने वाला अर्घ्य ‘उषा अर्घ्य’ कहलाता है। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत टूट जाता है और महिलाएं परिवार की समृद्धि और बच्चों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं.

छठ सूर्य उपासना का अनोखा पर्व है, जो मुख्य रूप से बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाया जाता है, लेकिन अब इसकी लोकप्रियता पूरे देश में बढ़ती जा रही है। इस साल यह उत्सव 25 अक्टूबर से शुरू हुआ और आज 28 अक्टूबर को समाप्त हुआ।



