गोरखपुर. प्रयागराज में धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के अनूठे महाकुंभ का भव्य और दिव्य आयोजन हर किसी की स्मृतियों में बसा हुआ है। अब बारी है ‘साहित्यिक महाकुंभ’ की. इस साहित्यिक महाकुंभ का आयोजन गोरखपुर पुस्तक महोत्सव के रूप में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के परिसर में होने जा रहा है. 1 नवंबर से 9 नवंबर तक चलने वाले इस आयोजन का उद्घाटन शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे.
नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा ‘प्रथम गोरखपुर पुस्तक महोत्सव’ का आयोजन गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में किया जा रहा है। यह आयोजन शहर की गहरी आध्यात्मिक, कलात्मक और साहित्यिक विरासत का एक भव्य उत्सव होगा। पुस्तक महोत्सव में आम जनता प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक भाग ले सकेगी। सभी के लिए प्रवेश निःशुल्क रहेगा। पुस्तक महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे, गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पूनम टंडन समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे।
नेशनल बुक ट्रस्ट के निदेशक युवराज मलिक के अनुसार, पहले पुस्तक महोत्सव में 100 से अधिक प्रकाशकों के 200 से अधिक पुस्तक स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां हिंदी, अंग्रेजी और कई भारतीय भाषाओं की हजारों किताबें प्रदर्शित की जाएंगी। इसके अलावा बाल मंडप और साहित्यिक मंच पर प्रसिद्ध लेखकों-वक्ताओं के साथ संवाद, कार्यशाला और परिचर्चा का भी आयोजन किया जाएगा।
बच्चों के लिए आकर्षक गतिविधियां होंगी
बाल मंडप में बच्चों के लिए आकर्षक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसमें कहानी कहने के सत्र, कठपुतली शो, कला और शिल्प कार्यशालाएं, ड्राइंग और डूडलिंग प्रतियोगिताएं, ओरिगेमी और मिट्टी कला, सुलेख और थिएटर कार्यशालाएं और संगीत कहानियां सत्र शामिल होंगे। ताकि बच्चे आनंदपूर्वक किताबों की दुनिया से जुड़ सकें।
प्रसिद्ध साहित्यकारों को सुनने का अवसर मिलेगा
साहित्यिक मंच पर गोरखपुर और प्रदेश के अन्य हिस्सों की कई जानी-मानी साहित्यिक हस्तियों को सुनने का मौका मिलेगा। जिनमें अवध संस्कार: लोकाचार और लोकसाहित्य की लेखिका डॉ. मनोरमा मिश्र, विद्वान साहित्यकार डॉ. रामदेव शुक्ल, प्रसिद्ध कवि-आलोचक व्यमोश शुक्ल (प्रधान मंत्री, नागरी प्रचारिणी सभा), वरिष्ठ लेखिका एवं अनुवादक आशा प्रभात, युवा लेखिका डॉ. निधि अग्रवाल, पत्रकार-उपन्यासकार उमा, वरिष्ठ कवि अष्टभुजा शुक्ल, पूर्व पुलिस अधिकारी एवं विभिन्न पुस्तकों के लेखक डॉ. सत्या सिंह, अरविंद त्रिपाठी, अमित कुमार, कवयित्री सुनीता अबाबिल और गोरखपुर के प्रसिद्ध लेखक सुभाष हैं। यादव आदि शामिल हैं।
सांस्कृतिक संध्या में समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
सांस्कृतिक संध्याओं में भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम शामिल होंगे, जिसमें शास्त्रीय नृत्य और गायन, बिरजू महाराज कथक संस्थान (लखनऊ) के कलाकारों द्वारा कव्वाली प्रदर्शन और ‘भारत की लोक रानी’ मालिनी अवस्थी द्वारा एक विशेष प्रदर्शन शामिल होगा। इनके अलावा, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) द्वारा एक नाटक, सूफी और बॉलीवुड फ्यूजन संगीत, कवि सम्मेलन और ‘द युवम प्रोजेक्ट’ के साथ एक विशेष संगीत शाम का आयोजन किया जाएगा। जिससे यह आयोजन साहित्य, कला एवं संस्कृति का महापर्व बन जायेगा।
आप ई-लाइब्रेरी का भी अनुभव कर सकेंगे
आगंतुक ‘नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया’ का भी अनुभव कर सकेंगे जहां 3,000 से अधिक ई-पुस्तकें निःशुल्क प्राप्त की जा सकेंगी। यह डिजिटल ज्ञान की दुनिया के साथ पारंपरिक पढ़ने की आदत का एक सुंदर समन्वय होगा।


 
                                    


