इटियाथोक/गोंडा, अमृत विचार। भाई दूज के त्योहार पर परिवार के साथ अपनी बहन के घर अयोध्या जा रहे एक युवक और उसके छोटे भाई की पत्नी की सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसे में तीन मासूम बच्चे घायल हो गए, जबकि मृतक युवक की पत्नी अप्रत्याशित रूप से इस भीषण हादसे में सुरक्षित बच गई।
हादसा गुरुवार दोपहर एक बजे इटियाथोक थाना क्षेत्र के गिलौली के पास हुआ जब सामने से आ रहे किसी वाहन ने कार में टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि कार का स्टीयरिंग व्हील ड्राइवर नीरज के हाथ में घुस कर गुजर गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कार से बाहर निकाला और पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बलरामपुर जिले के पूरब टोला निवासी नीरज श्रीवास्तव अपनी पत्नी नेहा श्रीवास्तव और बेटे अयान के साथ भाईदूज के त्योहार पर अयोध्या में रहने वाली अपनी बहन के घर जा रहे थे। उनके साथ उनके छोटे भाई अविनाश की पत्नी हिना श्रीवास्तव, भतीजा डुग्गू और भतीजी मोनी भी थीं।
दोपहर करीब एक बजे गोंडा-बलरामपुर के गिलौली गांव के पास गोंडा से बलरामपुर जा रही अनुबंधित रोडवेज बस से नीरज की कार की टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। कार की अगली सीट पर सवार नीरज श्रीवास्तव (37) और पीछे की सीट पर सवार उनके भाई अविनाश श्रीवास्तव की पत्नी हिना श्रीवास्तव (34) की मौके पर ही मौत हो गई।
कार की अगली सीट पर सवार नीरज की पत्नी नेहा श्रीवास्तव बाल-बाल बच गईं, जबकि पिछली सीट पर सवार तीन बच्चे भी गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना मिलने पर इटियाथोक थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और कार से महिला-पुरुष दोनों के शवों को बाहर निकाला और बच्चों को बाहर निकालकर तुरंत अस्पताल भेजा गया.
गंभीर हालत को देखते हुए तीनों बच्चों को एक निजी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है. इस टक्कर में बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे लगे बिजली के खंभे को तोड़ते हुए धान के खेत में जाकर रुक गयी. हादसे में बस और कार का पूरा अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे के बाद बस चालक मौके से भाग गया।
अप्रशिक्षित चालकों से अनुबंधित बसों का संचालन जानलेवा होता जा रहा है।
किसी तरह हैवी लाइसेंस जारी कर परिवहन निगम की अनुबंधित बसों की रफ्तार इतनी तेज कर दी गई है कि उन्हें सड़क पर दौड़ाना खतरनाक लगने लगा है। अनुबंधित चालकों के बस संचालन को लेकर लोग सचेत नहीं हुए तो आए दिन घटनाएं हो सकती हैं। परिवहन निगम में ज्यादातर बसें अनुबंध के आधार पर तैनात की गई हैं। इसमें निजी बसों के चालक ही वाहन चलाते हैं।
अधिक किलोमीटर की दूरी तय करने और अधिक चक्कर लगाने के लिए वे इतनी तेज गति से बसें चलाते हैं कि आम नागरिकों और यात्रियों को सतर्क रहना पड़ता है। उन्हें प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान मिलता है, इसलिए अधिक गति से अधिक किलोमीटर चलने के लिए गिलौली की घटना को जिम्मेदार माना जा रहा है। जिस बस से टक्कर हुई वह आलम बाग डिपो की थी और अनुबंध पर थी।