नई दिल्ली। कांग्रेस ने हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ‘क्लाउड सीडिंग’ (कृत्रिम बारिश) के इस्तेमाल को लेकर रविवार को दिल्ली सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि सीमित क्षेत्र में एक या दो दिन के मामूली सुधार को ‘बुरा मजाक’ कहना उचित होगा। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से ‘क्लाउड सीडिंग’ प्रयोग पर 34 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर, 2024 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तीन विशेष एजेंसियों, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सर्दियों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कृत्रिम बारिश के उपयोग की स्पष्ट रूप से सलाह नहीं दी थी।
रमेश ने कहा कि इसके बाद 31 अक्टूबर, 2025 को आईआईटी, दिल्ली के ‘सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंसेज’ ने इस विषय पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि सर्दियों में कृत्रिम बारिश से दिल्ली की बेहद खराब वायु गुणवत्ता में किसी खास सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती.
उन्होंने कहा, “सर्दियों में ‘क्लाउड सीडिंग’ निश्चित रूप से नाटकीय लगती है और दिखाती है कि सरकार कुछ कर रही है, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय इसकी प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठाता है। तो क्या सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए इस पर इतना भरोसा करना बुद्धिमानी है?” रमेश ने कहा, “सीमित क्षेत्र में एक या दो दिन का ‘मामूली सुधार’, जैसा कि अब दावा किया जा रहा है, वास्तव में एक क्रूर मजाक है।” उन्होंने राज्यसभा में दिए गए पर्यावरण मंत्री के जवाब और ‘एक्स’ पर आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट भी साझा की.



