कानपुर, लोकजनता। सहलग बढ़ने के साथ ही शहर के सराफा बाजार में भी तेजी आ गई है। चांदी और सोने से बने छोटे-छोटे उत्पाद जो उपहार में दिए जा सकते हैं, उनकी बिक्री सबसे ज्यादा हो रही है। कारोबारियों का मानना है कि मजबूत रुझान के चलते छोटे उत्पादों का बाजार औसत से करीब 30 फीसदी ज्यादा बढ़ गया है. सोने-चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद शहर के बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है।
हालात ऐसे थे कि निवेशक सिर्फ बुलियन में ही निवेश कर रहे थे। आम खरीदार बाजार से दूर हो गये थे. सहालग में बाजार की स्थिति थोड़ी सुधरी है। व्यापारियों का कहना है कि बाजार में ज्यादातर चांदी के उत्पाद शादियों में उपहार देने के लिए बिक रहे हैं। इनमें पायल की डिमांड सबसे ज्यादा है। इसके बाद कमरबंद, बिछिया समेत अन्य उत्पाद खरीदे जा रहे हैं।
इसी तरह अगर सोने के आभूषणों की बात करें तो बाजार में इस समय अंगूठियां सबसे ज्यादा बिक रही हैं। व्यापारियों का मानना है कि इन उत्पादों को खास तौर पर शादी समारोह में शामिल होने वाले करीबी रिश्तेदार खरीद रहे हैं। बाजार के हालात पर कानपुर महानगर सराफा एवं सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष पं. आशु शर्मा ने बताया कि सहालग तेज होते ही उत्पादों की खरीदारी अचानक बढ़ गई है।
माना जा रहा है कि खरीदार 15 से 20 दिन तक इसी तरह बाजार का रुख करेंगे। मांग में कमी के बाद बाजार में उत्पादों की खरीदारी में थोड़ी रुकावट आ सकती है. सोमवार को बाजार में चांदी की कीमत 1,59,000 रुपये प्रति किलोग्राम थी. इसी तरह सोने की कीमत 1,26,800 रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास रही.
कारीगर लौट आये
चौक बाजार में चांदी के आभूषणों की खरीदारी कम होने से कारीगरों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। खासकर उन कारीगरों को काम न होने की स्थिति का सामना करना पड़ रहा था जो दैनिक या कुल कार्य के आधार पर बाजार में काम करते थे। चांदी के आभूषणों की बिक्री फिर से बढ़ने के बाद इन कारीगरों ने फिर से बाजार में फैक्ट्रियों का रुख कर लिया है.
पुराने डिजाइन की मांग
बाजार में सोने और चांदी के आभूषणों में सबसे ज्यादा मांग पुराने या पारंपरिक डिजाइनों की है। सोने में सादे डिजाइन की खरीदारों द्वारा सबसे अधिक मांग की जा रही है। इसी तरह ईयररिंग्स के ट्रेडिशनल डिजाइन भी मांगे जा रहे हैं। इसी तरह चांदी में भी ट्रेडिशनल या प्लेज लेजर डिजाइन अभी भी खरीदारों की पहली पसंद बनी हुई है।



