कानपुर, लोकजनता। जिलाधिकारी ने नौबस्ता मण्डी समिति कार्यालय का औचक निरीक्षण किया तो वहां अनियमितताएं मिलीं, जिस पर मण्डी सचिव का एक दिन का वेतन काटा गया, जबकि पांच में से चार कर्मी भी अनुपस्थित पाये गये। इन सभी का एक दिन का वेतन काटा गया।
सोमवार को जिलाधिकारी जीतेन्द्र प्रताप सिंह ने कृषि उत्पादन मण्डी समिति नौबस्ता कार्यालय एवं परिसर का औचक निरीक्षण किया। कार्यालय में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। मण्डी सचिव का माह नवम्बर का वेतन काटने के निर्देश दिये गये।
निरीक्षण के दौरान उपनिदेशक (निर्माण) मण्डी समिति पंकज कुमार गुप्ता, मण्डी सचिव विजिन बालियान एवं जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी विक्रम सिंह उपस्थित पाये गये। उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन करने पर पता चला कि पांच लिपिकों में से चार-रामचंद्र पांडे, प्रज्ञा दीक्षित, प्रियंका कटियार और अवंतिका सिंह अनुपस्थित हैं, जबकि चार चपरासियों में से एक उषा अनुपस्थित पाई गईं।
जिलाधिकारी को कार्यालय की अलमारियां अस्त-व्यस्त मिलीं। दीवारों पर लगी मच्छरदानियां टूटी हुई थीं और मंडी परिषद द्वारा खरीदे गए उपकरण परिसर में बिखरे हुए पाए गए, जिसके क्षतिग्रस्त होने की आशंका थी। जिलाधिकारी ने बताया कि मण्डी सचिव द्वारा परिसर के रख-रखाव एवं उपकरणों के प्रयोग का समुचित पर्यवेक्षण नहीं किया जा रहा है।
परिसर में गंदगी एवं कूड़ा-कचरा का अत्यधिक जमाव भी पाया गया, जिससे कार्यालय का वातावरण अस्वच्छ हो गया। भवन की छत पर पेड़-पौधे उग आये हैं तथा जल निकासी पाइप गंदगी से जाम हो गये हैं, जिससे कमरों में सीवरेज की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
जलापूर्ति की पेयजल टंकियां बिना ढक्कन के खुली पाई गईं जो संचारी रोग नियंत्रण मानकों के विपरीत है। जिलाधिकारी ने कहा कि संचारी रोग अभियान के बाद भी ऐसी स्थिति अत्यंत आपत्तिजनक है। किसानों व व्यापारियों की सहायता के लिए कोई हेल्प डेस्क नहीं मिली।



