कानपुर, लोकजनता। शनिवार को नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (इंडिया) उत्तर प्रदेश शाखा और कटियार चेस्ट सेंटर ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहयोग से परेड स्थित आईएमए ऑडिटोरियम में थोरैकोविजन-2025 के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया। विषय था देखें, सीखें और अभ्यास करें, जिसके तहत प्रतिभागियों को थोरैकोस्कोपी की बारीकियों को समझने, लाइव प्रदर्शन देखने और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिला।
एम्स गोरखपुर के डॉ. सुबोध पांडे ने डिकोडिंग द प्ल्यूरल स्पेस: एनाटोमिकल बेसिस एंड क्लिनिकल पैथोफिजियोलॉजी पर जानकारी दी। गुरूग्राम से आए डॉ. आनंद जयसवाल ने मेडिकल थोरेकोस्कोपी का महत्व बताया। थोरेकोस्कोपी की व्यवस्थित प्रक्रिया एवं तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी। छत्तीसगढ़ के डॉ. सुशील जैन ने फुफ्फुस कैंसर के निदान और उपचार में थोरेकोस्कोपी की उपयोगिता पर चर्चा की।
अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के डॉ. संदीप कटियार ने फुफ्फुस गुहा में मवाद के उपचार में थोरेकोस्कोपी की भूमिका के बारे में जानकारी दी। बताया कि इस तकनीक से कई बार सर्जरी की जरूरत से बचा जा सकता है। वैज्ञानिक समिति और अकादमिक फोरम, एनसीसीपी (भारत) के अध्यक्ष डॉ. एसके कटियार ने कहा कि इस कार्यक्रम ने सिद्धांत और व्यावहारिक ज्ञान के बीच संबंध को मजबूती से जोड़ा है। देश के जाने-माने विशेषज्ञों ने मेडिकल थोरेकोस्कोपी एवं फुफ्फुस रोगों पर केन्द्रित उच्च स्तरीय वैज्ञानिक व्याख्यान प्रस्तुत किये।
कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को उपस्थिति प्रमाण पत्र दिये गये। इस दौरान मेरठ से डॉ. विरोत्तम तोमर, दिल्ली से डॉ. पल्लवी पुरवार, आईएमए अध्यक्ष डॉ. अनुराग मेहरोत्रा, संयुक्त सचिव डॉ. गुलशगुफ्ता, वित्त सचिव डॉ. विशाल सिंह, वैज्ञानिक सचिव डॉ. दीपक श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से एमडी पल्मोनरी मेडिसिन रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. कुश पाठक, कई पल्मोनोलॉजिस्ट, चिकित्सा शिक्षक और आईएमए सदस्य मौजूद रहे।



