कानपुर, लोकजनता। यूनेस्को ने अक्टूबर में अवधी भोजन को अपनी विश्व गैस्ट्रोनॉमी विरासत सूची में शामिल किया। अवधी व्यंजन अपने बेहतरीन स्वाद और व्यंजन पकाने की अनूठी तकनीक के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। व्यंजनों में कबाब, कोरमा, निहारी, बिरयानी, शीरमाल और कुल्फी जैसे व्यंजन अवधी व्यंजनों की शान माने जाते हैं। इस उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए सीएसजेएमयू जल्द ही अवधी फूड फेस्टिवल का आयोजन करेगा।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के होटल प्रबंधन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अरविंद चौहान ने कहा कि अवधी भोजन को यूनेस्को सूची में शामिल किया जाना भारत की सांस्कृतिक और पाक पहचान के लिए बहुत गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि इससे पाक कला, पर्यटन, स्थानीय रोजगार और पाक कला शिक्षा को नई दिशा मिलेगी.
होटल प्रबंधन विभाग ने भी इस पहल को भारतीय व्यंजनों के उत्थान की दिशा में एक प्रेरक कदम बताया है. इसके साथ ही होटल प्रबंधन विभाग आने वाले महीनों में अवधी फूड फेस्टिवल, पाककला कार्यशाला और पारंपरिक व्यंजनों के संरक्षण पर शोध परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहा है। जिससे विभाग के विद्यार्थियों को भी लाभ होगा।
इसके साथ ही यूनेस्को की यह मान्यता लखनऊ को वैश्विक गैस्ट्रोनॉमिक डेस्टिनेशन के रूप में भी स्थापित करेगी। यह उपलब्धि न केवल देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था, होटल व्यवसाय और स्थानीय कारीगरों को भी लाभ पहुंचाएगी।



