लखनऊ, लोकजनता: दिल्ली लाल किला ब्लास्ट में खंदारी बाजार निवासी डॉ. शाहीन शाहिद और उनके भाई डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आया था। एटीएस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां दोनों से पूछताछ कर रही हैं। दोनों के नेटवर्क दिल्ली, हरियाणा, लखनऊ और जम्मू-कश्मीर तक फैले पाए गए। सुरक्षा एजेंसियां इनकी कड़ियां जोड़ रही हैं। दोनों के वित्तीय स्रोतों की भी जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में विदेशी फंडिंग का खुलासा हुआ है. इससे संदेह और बढ़ गया है. भाई-बहन के बैंक खातों, निवेश और संपत्तियों की जांच शुरू हो गई है। उनकी आय का स्रोत क्या था और किन खातों से लेन-देन हुआ।
एजेंसियों ने अब तक कई खातों के लेनदेन विवरण और विवरण एकत्र किए हैं। जांच में पता चला है कि पिता सईद अंसारी की आर्थिक स्थिति सामान्य थी। उनकी आमदनी इतनी नहीं थी कि ज्यादा घर खरीद सकें. ऐसे में डॉ. परवेज ने तीन साल पहले सईद अंसारी के नाम से मकान कैसे खरीद लिया? एजेंसियों को शक है कि ये संपत्ति किसी और स्रोत की हो सकती है. अब सईद अंसारी से इस बिंदु पर भी पूछताछ की जाएगी ताकि पता चल सके कि मकान खरीदने के लिए पैसे कहां से आए.
जांच टीम ने संपत्ति से जुड़े दस्तावेज, रजिस्ट्री की कॉपी, बैंक डिटेल और लेनदेन के रिकॉर्ड जब्त कर लिए हैं। एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या डॉ. परवेज या डॉ. शाहीन ने किसी तीसरे व्यक्ति के नाम पर संपत्ति में निवेश किया था या खरीदा था। इसके अलावा डिजिटल लेनदेन और मोबाइल ऐप के जरिए पैसे के आदान-प्रदान पर भी नजर रखी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि आर्थिक जांच से कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए धन के संभावित स्रोतों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। आने वाले दिनों में इस मामले में कई और नामों का खुलासा होने की उम्मीद है. यदि किसी का नाम सामने आएगा तो उससे भी पूछताछ की जाएगी।



