लखनऊ, लोकजनता: राज्य का कृषि विभाग अकेले उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान देने की तैयारी कर रहा है। इस लक्ष्य के साथ विभाग ने किसानों की आय तीन गुना करने और कृषि निर्यात को 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने की रणनीति बनाई है. भविष्य की योजना 22 संकल्पों के साथ कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गुरुवार को योगी सरकार की इन योजनाओं को साझा किया.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गुरुवार को लखनऊ के कृषि भवन सभागार में ‘विकसित उत्तर प्रदेश@2047’ विषय पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि कृषि विभाग ने एक ठोस कार्ययोजना तैयार की है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाकर उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर, समृद्ध और टिकाऊ कृषि अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करना है.
कृषि मंत्री शाही ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश@2047 की दिशा में कृषि विभाग ने 22 संकल्प लिये हैं। इन संकल्पों में राज्य की संभावित छह ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र से एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान सुनिश्चित करना, फसल सघनता 182 प्रतिशत से बढ़ाकर 250 प्रतिशत करना, धान, गेहूं, मक्का, दलहन और तिलहन की उत्पादकता बढ़ाना, मिट्टी में जैविक कार्बन का स्तर 0.3 से बढ़ाकर 1.0 करना, 30 लाख हेक्टेयर बंजर और बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना, कृषि यंत्रीकरण शामिल है। इसमें 75 प्रतिशत तक पहुंचना, गन्ने की सह-फसल को बढ़ावा देना, पांच बीज पार्क स्थापित करना और हर खेत में एक मेड़ और हर मेड़ पर एक पेड़ के संकल्प को साकार करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय तीन गुना करना, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, कृषि निर्यात को 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाना, महिला किसानों की भागीदारी बढ़ाना, जैविक उत्पादों के राज्य स्तरीय ब्रांड बनाना, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का विस्तार करना, कृषि शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को मजबूत करना, कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना, कृषि डेटा प्रबंधन को डिजिटल बनाना, पशुपालन और मत्स्य पालन क्षेत्र को समान रूप से विकसित करना और नीति-निर्माण में तकनीकी नवाचारों को शामिल करना भी इन संकल्पों का हिस्सा है।
17 को लखनऊ में जुटेंगे 300 कृषि विशेषज्ञ लखनऊ
कृषि मंत्री ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश/@2047 विषय पर जनसंवाद एवं विचार-मंथन कार्यक्रम 17 नवम्बर को मर्करी हॉल, इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित किया जायेगा। इसमें लगभग 300 कृषि विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान और अधिकारी भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के नीति आयोग के परामर्श से कृषि क्षेत्र का दीर्घकालिक विज़न डॉक्यूमेंट-2047 तैयार किया जाएगा, जिसमें राज्य की कृषि उत्पादन क्षमता, निर्यात, प्रसंस्करण और रोजगार सृजन को केंद्र में रखा जाएगा।



