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Saturday, November 1, 2025
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अयोध्या से आई बारात, शालिग्राम ने तुलसी के साथ लिए फेरे, देवोत्थानी एकादशी पर दुर्गा मंदिर में हुआ भव्य आयोजन


लखनऊ, लोकजनता। शहर में शनिवार को देवउठनी एकादशी श्रद्धापूर्वक मनाई गई। महिलाओं ने सुबह घरों और मंदिरों में तुलसी की पूजा की। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर भगवान विष्णु को गन्ना, गन्ना, गंजी आदि चढ़ाया। शाम को तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी आयोजित किया गया।

शास्त्री नगर स्थित दुर्गा मंदिर में तुलसी-शालिग्राम विवाह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
शाम करीब पांच बजे अयोध्या धाम से 108 साधु शालिग्राम बारात लेकर ऐशबाग राधाकृष्ण मंदिर पहुंचे। जुलूस ऐशबाग रामलीला मैदान, रामनगर, तिलक नगर, कुंडरी होते हुए शास्त्री नगर स्थित दुर्गा मंदिर पहुंचा। नगरवासी बारात देखने को उत्सुक थे।

रास्ते में घरों से लोगों ने बारात पर फूल बरसाए। मंदिर में एक जैसे कपड़े चढ़ाए गए। मंदिर के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों व अन्य लोगों ने बारात का फूल माला पहनाकर स्वागत किया. इसके बाद शालिग्राम और तुलसी जी का विवाह कराया गया। मुख्य यजमान अजय गुप्ता के साथ मंदिर से ताराचंद अग्रवाल, राम नरेश मिश्रा, पवन अग्रवाल, राजेंद्र गोयल, रामकिशन जयसवाल, ओम प्रकाश गुप्ता ने विवाह की रस्में निभाईं।

बारातियों को फलाहार परोसा गया। भक्तों ने तुलसी जी को उपहार भी भेंट किये। ये उपहार बारात के साथ अयोध्या धाम भेजे जाएंगे. कथावाचिका कल्याणी देवी ने कहा कि ग्रंथों और कथाओं को मूर्त रूप देने का दुर्गा मंदिर का यह कार्य सराहनीय है.

शहर के प्रमुख मंदिरों में हुए आयोजन
राजेंद्र नगर स्थित महाकाल मंदिर, चौक के बड़ी काली मंदिर, लालबाग के हरिओम मंदिर और मोतीनगर स्थित गौरैयामठ परिसर में तुलसी विवाह और एकादशी उद्यापन के कार्यक्रम विशेष रूप से आयोजित किए गए। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रही।

महिलाओं ने शृंगार कर, दीप और मिठाई चढ़ाकर तुलसी माता की पूजा की। मंदिरों में भक्ति संगीत, मंत्रोच्चार और घंटे-घड़ियाल की मधुर ध्वनि से पूरे दिन माहौल भक्तिमय बना रहा। शाम को भजन-कीर्तन और आरती के साथ विवाह की रस्में हुईं। भक्तों ने जय तुलसी माता व जय श्री विष्णु के जयकारे से वातावरण गुंजायमान कर दिया।

ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ योग
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस साल देवोत्थान एकादशी के दिन चार बेहद शुभ योग रवि योग, ध्रुव योग, आनंद योग और त्रिपुष्कर योग का संयोग बना है. इन योगों में पूजा-अर्चना और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि तुलसी विवाह के आयोजन से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है और यह विवाह विष्णु और माता तुलसी के दिव्य मिलन का प्रतीक है।

दान एवं प्रसाद वितरण
कई श्रद्धालु महिलाओं ने इस दिन व्रत रखा और तुलसी विवाह के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान दिया। मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण एवं दीपदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भक्तों ने दीप जलाकर भगवान विष्णु से अपने परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।

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