अयोध्या, लोकजनता: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को सरयू नदी के पवित्र तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। प्रशासनिक अनुमान के मुताबिक करीब 20 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र सरयू में आस्था की डुबकी लगाई. मंगलवार की रात से ही घाटों पर भक्ति की लहर दौड़ने लगी, सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का दौर शुरू हो गया. भीड़ का आलम यह था कि स्नानघाट से लेकर रामपथ होते हुए राममंदिर और हनुमानगढ़ी तक का रास्ता श्रद्धालुओं से भरा हुआ था। पूरे दिन स्नान, पूजन और दान का सिलसिला चलता रहा। सरयू घाट जय सरयू मैया और जय श्री राम के नारों से गूंजता रहा.
सरयू तट के कच्चे व पक्के घाटों से होते हुए लक्ष्मण घाट तक लगभग दो किमी. परिधि में भक्तों की भीड़ ही नजर आ रही थी। सुबह होते-होते भीड़ इतनी बढ़ गयी कि पुलिस को घाट तक जाने वाले बैरियर को तोड़ना पड़ा. हालांकि 10 बजे के बाद स्नानार्थियों की संख्या कुछ कम हो गयी. पवित्र सरयू में डुबकी लगाने के बाद दान-पुण्य का दौर शुरू हो गया। जिनमें ब्राह्मणों को दान, गरीबों को अन्न-वस्त्र वितरण और गौ दान प्रमुख थे। घाटों पर पंडों ने अपने शिविरों में अतिरिक्त व्यवस्था की थी.
वहीं, स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने सबसे पहले नागेश्वरनाथ का रुख किया. सरयू घाट से इस मंदिर के बीच करीब 12 जगहों पर बैरिकेडिंग की गई थी. भक्तों को समूह में मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई। भोलेनाथ को जल चढ़ाने के तुरंत बाद गर्भगृह में मौजूद पुलिस भक्तों को बाहर करती रही.
हनुमानगढ़ी पर सबसे ज्यादा दबाव, राम मंदिर में लगी लंबी कतार
-सरयू घाट के बाद श्रद्धालुओं का सबसे ज्यादा दबाव हनुमानगढ़ी पर था. सुबह से ही श्रद्धालु स्नान कर यहां पहुंचने लगे। मंदिर परिसर से रामपथ तक लगभग एक कि.मी. दूर तक भक्तों की कतार लगी रही। सुबह सात से आठ बजे के बीच यह दबाव और बढ़ गया. जिसके बाद श्रद्धालुओं को समूह में प्रवेश दिया जाने लगा। निकास द्वार से बाहर आने वाले भक्तों को केवल पीछे की ओर से रामपथ तक जाने की अनुमति दी गई। वहीं राम मंदिर पर भक्तों की लंबी कतार लगी थी, लोक गीत और भजन गाती ग्रामीण महिलाओं की कतार लोगों को खूब आकर्षित कर रही थी. यहां अंगद टीले से भी निकास बना हुआ था। इसके अलावा कनक भवन, दशरथ महल, मणिराम दासजी की छावनी, हनुमान बाग समेत अन्य प्रमुख मठ मंदिरों में भी भीड़ देखी गई।
3:50 लाख श्रद्धालुओं ने राम मंदिर और 5 लाख ने हनुमान गढ़ी में दर्शन किये.
कार्तिक पूर्णिमा पर करीब 3.50 लाख श्रद्धालुओं ने राम मंदिर में दर्शन किए. हनुमान गढ़ी मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या करीब 5 लाख बताई जाती है. ब्रह्ममुहूर्त से शुरू हुई भीड़ के कारण देर शाम तक मंदिर में लंबी कतार लगी रही। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की धार्मिक समिति के सदस्य गोपाल जी राव ने बताया कि तय समय से पहले सुबह 6:15 बजे गर्भगृह का दरवाजा खोल दिया गया. सुबह भीड़ को देखते हुए श्रृंगार आरती से पहले ही दर्शन शुरू हो गए थे। इस दौरान आने वाले श्रद्धालु श्रृंगार आरती भी देख सकते हैं. हर दिन की तरह इस बार भी श्रृंगार आरती में शामिल होने वाले लोगों को प्रथम तल पर राम दरबार की आरती में शामिल किया गया है. वहीं, सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन के लिए मंदिर साढ़े तीन बजे ही खोल दिया गया.
अयोध्या धाम नो व्हीकल जोन बना हुआ है, हाईवे पर भारी वाहनों की नो एंट्री
-भारी भीड़ आने की आशंका को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पहले ही अयोध्या धाम को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया था. साकेत पेट्रोल पंप, हनुमान गुफा, रामघाट, बूथ नंबर 4, चूड़ामणि चौराहा, उदय चौराहा, विद्याकुंड, साकेत गैस एजेंसी, निषाद राज चौराहा समेत अन्य स्थानों पर लगे बैरियर पर पुलिस के साथ ही ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी तैनात रहे। श्रद्धालुओं को सिर्फ पैदल ही अयोध्या धाम आने की इजाजत दी जा रही है.
जल पुलिस सीटी बजाकर और पीएएस से अनाउंसमेंट कर लोगों को गहरे पानी में जाने से रोकती रही
घाटों पर सुरक्षा के साथ-साथ नदी क्षेत्र में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे. यहां पहले से ही एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की बाढ़ राहत टीमें तैनात की गई थीं। एनडीआरएफ की टीम भी तैनात की गई. जीवन रक्षक संसाधनों से लैस सुरक्षाकर्मी सीटी बजाकर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोकते रहे। सुरक्षा कारणों से स्थानीय गोताखोरों और नाविकों को भी तैनात किया गया था। जल पुलिस के जवान नावों पर सवार होकर नदी क्षेत्र में गश्त करते दिखे।
हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार देखी गई
पार्किंग फुल होने के बाद गोरखपुर-अयोध्या-लखनऊ हाईवे पर सर्विस लेन, बालू घाट और सड़क की दोनों पटरियों पर वाहनों की कतार लग गई। नये पुल पर सुबह घंटों जाम लगा रहा. वाहनों को सड़क से हटाने में यातायात कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। ओवरब्रिज के दोनों छोर से सर्विस लेन की ओर जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग लगाई गई थी, यहां से केवल दोपहिया वाहनों को ही जाने दिया जा रहा था।
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये गये थे. फिसलन को रोकने के लिए घाटों पर रेत की परत बिछाई गई, स्किड रोधी जाल लगाए गए और प्रकाश व्यवस्था मजबूत की गई। पूरे मेला क्षेत्र को जोन और सेक्टर में बांटकर अर्धसैनिक बल, पीएसी, पुलिस, होम गार्ड और एटीएस की तैनाती की गई थी। ट्रैफिक डायवर्जन और पार्किंग के लिए अलग-अलग जोन बनाए गए। ड्रोन और सीसीटीवी के जरिए निगरानी रखी गई.-डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी।
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